लॉकड डाउँन से बाद से ही जहा लोगो को अपने नौकरी से हाथ धोना पड़ा।वोही बाज़ार की मंदी का असर तनख्वाह पर गिरा है। अभी भी अधिकतर काम-धंधे बंद हैं. ऐसे में स्कूल का फ़ीस कैसे बारे. ये चिंता अभिभावकों को सता रहा है।
1 फ़रवरी से स्कूल शुरू होते ही स्कूल की फीस कम करने की मांग जोर पकड़ रही है। 4 फरवरी गुरुवार को वियानी विध्या मंदिर घुग्घुस में अभिभावकों ने ५०% फिस छुट देने की निवेदन स्कूल प्रशासन काे दिया है इस कही महिलाएं उपस्थित थे। लेकिन स्कूल प्रशासन ने सरकार से ऐसा कोई निर्दोषों ना मिलने का आवला देते हुए स्कूल फीस कम करने से मना किया, स्कूल कि अड़ियल रवैया के चलते अभिभावकों ने ये फैसला किया है की स्कूल फीस कम करने के मांग जल्दी ही जिल्हाधिकारी व शिक्षण अधिकारी सामने रखेंगे।
कई निजी स्कूलों अभिभावकों से पूरी फीस वसूल कर रहे है । जो अभिभावक किसी कारण से फीस देने में विलंब करते है, उनके बच्चों की परीक्षा की रिजल्ट भी नही दिखा कर रहे है । इसके लेकर अभिभावक प्रदर्शन भी कर रहे है।
अभिभावकों का कहना है कि फिजिकल क्लास का खर्चा ज्यादा होता है। फिजिकल क्लास में बिजली, पानी, इन्फ्रास्ट्रक्चर का खर्चा और रखरखाव का खर्च काफी ज्यादा है लेकिन ऑनलाइन क्लास में ये खर्चें नहीं है। ऑनलाइन क्लास का जो खर्च आता है उसी अनुपात में फीस लिया जाये ताकि अभिभावकों को फ़ीस बरने में असानी हो।
बच्चों का अबतक स्कूल ऑनलाइन क्लास चलाई जा रही थी, ऑनलाइन क्लास का खर्चा काफी कम होता है। फिर भी पैरेंट्स से पूरी फीस वसूली किया जा रही है।