पुलिस की नाक के नीचे चल रही है कोयले की तस्करी

नागपुर. कोयले की हेराफेरी और तस्करी का मामला बीते कुछ दिनों से सुर्खियों में है. हाल ही में कोयले के इन अवैध टालों पर पुलिस की रेड भी पड़ी थी. डब्ल्यूसीएल नागपुर क्षेत्र अंतर्गत कुल 13 खदानें तथा 5 सब एरिया हैं. जहा अनेकों खदान में  खुलेआम कोयला चोरी किया जाता है. वेकोलि नागपुर क्षेत्र की 2-3 खदानों जैसे कामठी ओसीएम और गोंडेगांव प्रोजेक्ट  की इन दोनों खदानों से विभिन्न विभिन्न जगहों पर भारी मात्रा में कोयला निर्यात होता है. इसमें से एक जगह डुमरी रेलवे साइडिंग की है जहां कामठी खदान , गोंडेगांव खदान, सिंगोरी खदान, भानेगांव खदान इत्यादि खदानों से ट्रैकों द्वारा कोयला डुमरी रेलवे साइडिंग पर जाती है और मालगाड़ी में भरकर यह कोयला मौदा एनटीपीसी, खापरखेड़ा ,अदानी तिरोड़ा, भुसावल, सोलापुर, पारस, खंडवा इत्यादि जगह पर कोयला भेजा जाता है. नागपुर-जबलपुर नेशनल हाईवे और इसी नेशनल हाईवे से होकर कामठी खदान और गोंडेगांव खदान से डुमरी रेलवे साइडिंग के लिए ट्रकों द्वारा कोयला जाता है. जब खदान से ट्रक कोयला भरकर निकलते है तो इस बीच नेशनल हाईवे के पर कोयले की अवैध तस्करी की जाती है. कामठी खदान से डुमरी रेलवे साइडिंग जो कि लगभग 13 से 14 किलोमीटर का फासला है और गुंडेगांव खदान से भी लगभग 13 से 14 किलोमीटर का ही फासला है. इनके बीच लगभग 12 से 15 जगह पर अवैध कोयला खरीदा व बेचा जाता है.  ट्रक ड्राइवर ट्रक को 5 मिनट के लिए नेशनल हाईवे पर जहां-जहां अवैध कोयला खरीददार बेखौफ खड़े रहते हैं वहां रोकते हैं और इसे अवैध कोयले के टाल पर बेचते हैं .कोयला टाल चलाने वालों के पास खुद के लड़के होते हैं जो ट्रक के ऊपर चढ़कर कोयला फेंकते हैं यह सिलसिला प्रतिदिन शाम 7:00 बजे से सुबह तक शुरू रहता है. रात भर में सैकड़ो टन कोयला जमा होता है और सुबह होने तक कोयले को उठाकर सप्लाई कर दिया जाता है. इस सब में खास बात तो यह है कि इस बारे में पुलिस खामोश है. यह क्षेत्र कन्हान थाना अंतर्गत आता है. तो सवाल यह है की क्या पुलिस को पेट्रोलिंग के दौरान रात भर में एक भी बार एक भी कोयले का अड्डा जो नेशनल हाईवे पर खुलेआम चल रहा है  पुलिस को दिखाई नहीं देती है या इन अड्डो को ना देखने के लिए कोई विशेष बंदोबस्त किया गया है? यहाँ मौजूद लोगो का कहना है की हमेशा ही कार्यवाही होती है. कार्यवाही के कुछ दिनों तक माहौल शांत रहता है लेकिन कुछ दिनों बाद हालात फिर जैसे थे वैसे ही हो जाते है.

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