गोवा पर पीएम मोदी का बयान इतिहास को विकृत करने का प्रयास

नई दिल्ली। (एजेंसी)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के कारण गोवा की आजादी में विलंब हुआ, इतिहास को विकृत करने का ‘हताशा से भरा एक प्रयास’ है। उन्होंने यह भी कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री ने गोवा को लेकर सही समय पर हस्तक्षेप किया था। पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने साक्षात्कार में कहा कि गोवा विधानसभा में निर्वाचित होने वाला कांग्रेस का कोई विधायक इस बार भाजपा के पाले में नहीं जाएगा। उनका कहना है कि कांग्रेस अपने घर को दुरुस्त कर चुकी है और इस बार गोवा की जनता भाजपा को सबक सिखाएगी। गोवा चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ चुनाव पर्यवेक्षक चिदंबरम के अनुसार, हर गुजरते दिन के साथ मतदाताओं के समक्ष यह स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होती जा रही है कि उन्हें भाजपा या कांग्रेस में से किसी एक को चुनना है तथा आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस जैसे ‘छोटे दल’ सिर्फ भाजपा-विरोधी मतों का विभाजन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया जाना कोई ‘बड़ा कारक’ नहीं है। यह पूछे जाने पर कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पंडित नेहरू के कारण गोवा की आजादी में विलंब हुआ, तो चिदंबरम ने कहा कि यह इतिहास को विकृत करने और फिर से लिखने का ‘हताशा भरा प्रयास’ है। उन्होंने कहा, ‘मोदी जी और अमित शाह प्रथम विश्व युद्ध के बाद के इतिहास को नहीं जानते। वे स्वतंत्र भारत, खासकर 1947-60 के बीच के इतिहास को भी नहीं जानते। वे नहीं जानते कि किस तरह से नेहरू बड़े ही कुशलतापूर्वक भारत को उस स्थिति में ले गए कि देश शांति का सिरमौर और गुटरनिरपेक्ष आंदोलन का स्वीकार्य अगुआ बन गया।’ उनके मुताबिक, पंडित नेहरू ने गोवा को आजाद कराने के लिए सही समय पर दखल दिया और यही कारण है कि सैन्य कार्रवाई के खिलाफ कोई एक स्वर नहीं उठा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि गोवा के लोगों को जनमत सर्वेक्षण के माध्यम से अपने भविष्य का फैसला करने का अवसर दिया गया। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘आज अगर गोवा एक स्वतंत्र प्रदेश है तो इसका श्रेय नेहरू और जनमत सर्वेक्षण को जाता है। मोदी जी और अमित शाह कुछ भी कहें और इतिहास को कितना भी विकृत करने का प्रयास हो, लेकिन गोवा के लोग नेहरू के बड़े योगदान को हमेशा याद रखेंगे।’ प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर पंडित नेहरू चाहते, तो गोवा को 1947 में भारत को आजादी मिलने के कुछ ‘घंटों के भीतर’ आजाद कराया जा सकता था, लेकिन राज्य को पुर्तगाली शासन से मुक्त होने में 15 साल लग गए। हाल ही में अमित शाह ने भी ऐसी ही टिप्पणी की थी। गोवा पुर्तगाल के शासन से 19 दिसंबर, 1961 को आजाद हुआ और 30 मई, 1987 को पृथक राज्य बनने तक वह केंद्रशासित प्रदेश गोवा, दमन एवं दीव का हिस्सा था।

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