स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट मामले में विवादित व्याख्या करने वाली बॉम्बे हाई कोर्ट की जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला ने अपना कार्यकाल पूरा होने से एक दिन पहले अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में इस्तीफा दे दिया है. मामले में उनकी व्याख्या के बाद काफी हंमामा हुआ था. जस्टिस गनेडीवाला ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा सौंप दिया और इसी के साथ भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को एक-एक प्रति चिन्हित की है. शुक्रवार को उनका आखिरी कार्य दिवस होगा. इस्तीफे का मतलब है कि वो अपनी प्रैक्टिस फिर से शुरू करने के लिए न्यायपालिका छोड़ रही हैं.
एक सीनियर वकील ने कहा है कि न्यायमूर्ति गनेडीवाला न्यायिक सेवा में लगातार निचली न्यायपालिका में वापस जाने की संभावना का सामना कर रही थीं. एक बार जब आप हाई कोर्ट के न्यायाधीश बन जाते हैं, तो निचली अदालत में वापस जाना एक पदावनति है. बेशक वह हाई कोर्ट के रूप में इस्तीफा देने वाली पहली व्यक्ति नहीं है, ऐसी कई मिसालें है. अधिकारियों ने कहा कि वो या तो सुप्रीम कोर्ट में मध्यस्थता और मुकदमेबाजी करेंगी या मुंबई में अपने रिश्तेदार की कानूनी फर्म में शामिल होंगी. पोक्सो मामले के फैसले के अलावा नागपुर पीठ के हिस्से के रूप में न्यायमूर्ति गनेडीवाला के कई फैसलों को विचित्र रूप से देखा गया था.