नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन सांसद असदुद्दीन ओवैसी के वाहन पर फायरिंग मामले में राज्य सभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा, ओवैसी का हापुड़ जिले में कोई पूर्व निर्धारित कार्यक्रम नहीं था, उनके आंदोलन की कोई सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को पहले नहीं भेजी गई थी. घटना के बाद वे सुरक्षित दिल्ली पहुंचे हैं. त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, उनके पास से दो अनधिकृत पिस्तौल और एक ऑल्टो कार बरामद की गई. फोरेंसिक टीम कार और घटना स्थल की सूक्ष्म जांच कर रही है और साक्ष्य जुटा रही है.’ अमित शाह ने आगे कहा, ‘ओवैसी पर खतरे का आकलन किया गया और उन्हें एक बुलेटप्रूफ वाहन और जेड सिक्योरिटी दी गई है. लेकिन उनसे प्राप्त मौखिक जानकारी के मुताबिक, उन्होंने ये सब स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि केंद्र सरकार द्वारा दी गई सुरक्षा को स्वीकार कर लें.’ उन्होंने कहा, ‘गृह मंत्रालय ने तुरंत राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी. केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से मिले शुरुआती इनपुट के आधार पर केंद्र ने उन्हें सुरक्षा देने का आदेश दिया. लेकिन उनके सुरक्षा नहीं लेने के कारण, दिल्ली और तेलंगाना पुलिस के उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के प्रयास सफल नहीं हो पाए.’
सहारनपुर का किसान है आरोपी
दूसरे आरोपी का नाम शुभम है, जो सहारनपुर का किसान है. उसके खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. पुलिस ने देश के भीतर बनी पिस्टल बरामद की है और अब हथियार बेचने वालों का पता लगा रही है. इस घटना ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी उथल पुथल मचा दी है. वो भी ऐसे वक्त में, जब यहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ओवैसी ने दावा करते हुए कहा है कि इस हमले के पीछे ‘बड़े लोगों’ का हाथ है. इस बीच चुनाव आयोग ने उन सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को सभी राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों को पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.