आलोचना जीवंत लोकतंत्र का आभूषण, लेकिन अंधविरोध इसका अनादर

 कहा- हम सब संस्कार से, स्वभाव से, व्यवस्था से लोकतंत्र के प्रतिबद्ध लोग
-राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर पीएम ने जवाब दिया

नई दिल्ली। (एजेंसी)।  
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैं अपनी बात बताने से पहले कल जो घटना घटी उसके लिए दो शब्द जरूर कहना चाहूंगा। देश ने आदरणीय लता दीदी को खो दिया। इतने लंबे कालखंड में जिनकी आवाज ने देश को मोहित किया। देश को प्रेरित किया, देश को भावनाओं से भर दिया। सांस्कृतिक धरोहर और एकता को मजबूत किया। उन्होंने 36 भाषाओं में गाया। ये भारत के लिए एकता और अखंडता के लिए एक प्रेरक उदाहरण है। मैं लता दीदी को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं। उन्होंने कहा कि आज देश अमृत काल में प्रवेश कर रहा है। आजादी की इस लड़ाई में जिन-जिन लोगों ने योगदान दिया, वे किसी दल से थे या नहीं थे। इन सबसे परे हटकर देश के लिए जवानी खपाने वाले लोग ये हर किसी के स्मरण का समय है। ये संकल्प लेने का अवसर है। हम सब संस्कार से स्वभाव से, व्यवस्था से लोकतंत्र के प्रतिबद्ध लोग हैं। आज से नहीं सदियों से हैं। आलोचना ये जीवंत लोकतंत्र का आभूषण है। लेकिन अंधविरोध ये लोकतंत्र का अनादर है। उन्होंने कहा कि विश्व में बहुत बड़ा बदलाव आया है। एक बड़ा वर्ल्ड आॅर्डर जिसमें हम जी रहे हैं। मैं देख रहा हूं कि कोरोनाकाल के बाद विश्व नई व्यवस्थाओं की तरफ बढ़ रहा है। भारत को यह अवसर गंवाना नहीं चाहिए। टेबल पर भारत की आवाज बुलंद रहनी चाहिए। भारत को नेतृत्वकर्ता के रोल के लिए खुद को कम नहीं आंकना चाहिए। आजादी के 75 साल अपने आप में एक प्रेरक अवसर है। नए संकल्पों के साथ देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा, तब तक हम पूरे सामर्थ्य और शक्ति और संकल्प से देश को उस तरफ ले कर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में देश ने कई क्षेत्रों में मूलभूत व्यवस्था दी है। बहुत मजबूती का अनुभव किया है। हम बहुत मजबूती से आगे बढ़े हैं। गरीबों को रहने के लिए घर हों। ये कार्यक्रम बहुत लंबे समय से चल रहा है। लेकिन इसकी व्यापकता बढ़ी है। गरीबों का घर भी लाखों की कीमत का बन रहा है। जो भी पक्का घर पाता है, वह गरीब आज लखपति की श्रेणी में भी आ जाता है। कौन हिंदुस्तानी होगा, जिसे ये सुनकर गर्व न हो कि देश के हर गरीब से गरीब व्यक्ति के घर में शौचालय है। गांव के गांव शौचमुक्त हुए हैं। पीएम ने कहा कि आज गरीब भी टेलिफोन पर अपने बैंक के खाते का इस्तेमाल करता है। सरकार की दी हुई राशि सीधी उसके बैंक खाते में पहुंचती हो। ये सब अगर आप जमीन से जुड़े हुए होते, अगर आप जनता के बीच में रहते होते, तो ये चीजें जरूर नजर आतीं, दिखाई देतीं। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि आप में से बहुत लोग ऐसे हैं जिनकी सुई का कांटा 2014 में अटका है। उससे वे लोग बाहर नहीं निकल पाते हैं। उसका नतीजा भी आपको भुगतना पड़ा है। आपने अपने आपको ऐसी मानसिक अवस्था में बांधकर रखा है। देश की जनता ने आपको पहचान लिया है। कुछ ने पहले, कुछ ने अभी और कुछ बाद में पहचानेंगे। विपक्ष पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि जब वे इतना लंबा भाषण देते हैं, तो भूल जाते हैं कि 50 साल में आपने इस जगह बैठने का लाभ लिया था। आप क्यों नहीं कुछ सोच पाते हैं। नगालैंड के लोगों ने आखिरी बार 1998 में कांग्रेस के लिए वोट किया था। ओडिशा ने 1995 में आपके लिए आखिरी बार वोट किया था। 27 साल हो गए। गोवा में आप 1994 में पूर्ण बहुमत से जीते थे। पिछली बार 1988 में आप त्रिपुरा में वोट पाए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हाल है कि यूपी, बिहार, गुजरात में 1985 में आपके लिए वोट किया गया था। बंगाल में 1972 में यानी 50 साल पहले आपको पसंद किया था। तमिलनाडु के लोगों ने आपको मौका देकर देख लिया। तमिलनाडु में करीब 60 साल पहले आपको मौका मिला था। तेलंगाना बनाने का श्रेय लेते हैं, लेकिन तेलंगाना की जनता ने आपको स्वीकार नहीं किया। झारखंड को बने 20 साल हो गए, लेकिन वो आपको स्वीकारते नहीं हैं। आप पिछले दरवाजे से घुसते हैं। सवाल कांग्रेस के वोटों का नहीं है। सवाल उनकी नीयत का है। इतने बड़े लोकतंत्र में इतने सालों तक शासन में रहने के बाद भी देश की जनता उनको क्यों नकारती है। पीएम मोदी ने कहा कि सदन जैसी पवित्र जगह देश के लिए काम आनी चाहिए। इसका इस्तेमाल जिस तरह हो रहा है, जवाब देना हमारी मजबूरी बन जाती है। आपने मर्यादा का ख्याल नहीं रखा। उन्होंने कहा कि चलिए मौका मैं भी ले लेता हूं। जब अहंकार की बात कर रहा हूं। वो जो दिन को रात कहें, तो तुरंत मान जाएं, नहीं मानोगे तो वो दिन में नकाब ओढ़ लेंगे। जरूरत हुई तो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ लेंगे। वो मगलूल है, खुद की समझ पर बेइंतहां। उन्हें आइना मत दिखाओ। वो आइने को भी तोड़ देंगे।

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