नागपुर।(नामेस)। जरीपटका भीम चौक की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में मंगलवार की शाम जो वारदात सामने आई उसके बाद पूरे इलाके के लोग सकते में है. हर कोई मदन द्वारा उठाए गए कदम कि निंदा कर रहे है. हर जगह बस इसी घटना की चर्चा है. परिसर में रहने वाली वृध्द महिला यह कहकर रो पड़ी कि ऐसा करने से पहले मदन के हाथ नहीं कांपे होंगे क्या? 12 वर्षीय ऋषभ परिसर में सभी का चहेता था. मिलनसार स्वभाव के इस बच्चे को परिसर के सभी नागरिक चाहते थे. ऐसे में मासूम ऋषभ की गर्दन पर छूरा चलाते मदन की रूह क्यों नहीं कांपी यह सवाल सभी के मन है. बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद चारों का वैशालीनगर घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. परिसर में ऐसा कोई नागरिक नहीं होगा जो अग्रवाल परिवार की लाश देखकर रोया न हो. कुछ महिलाएं तो अपने घर के युवाओं को समझाती दिखाई दी. मदन पहले भी 3 बार आत्महत्या का प्रयास कर चुके थे. लेकिन वो पूरा परिवार खत्म कर देंगे यह किसी ने नहीं सोचा था. स्थानीय समाजसेवी ने बताया कि जरीपटका क्षेत्र में जुआरी व सट्टेबाजों के साथ साहूकारों का नेटवर्क सक्रिय है. परिसर में अधिकांश व्यापारी परिवार ही रहते हैं. रात को दुकान बंद करने के बाद कई व्यापारी जुआ खेलने बैठ जाते है. जुआरियों का कोई क्लब नहीं है. लेकिन जहां मंडली जम जाए पत्ते खुल जाते है. शहर में सबसे बड़ा क्रिकेट सट्टे का बाजार और ग्राहक जरीपटका है. ऐसे में साहूकारों के साथ मिलकर रैकेट चलाया जा रहा है. बगैर कुछ गिरवी रखे 10 प्रश. ब्याज पर टिंकू, जोधा, शाणा, आरिफ, राजू, भोंगारा और कुल्लू लोगों को मोटी रकम उधार देते हैं. आसानी से रकम मिलने के कारण लोग अपना पैसा निकालने के लिए दोबारा जुआ खेलते है और फंसते चले जाते है. मदन की दुकान पर रोजाना लेनदार डेरा लगाए बैठे रहते थे. कई बार साहूकारों द्वारा मदन को धमकाए जाने की बात भी सामने आ रही है.
खंगाले जा रहे मोबाइल कॉल रिकॉर्ड
पुलिस मदन मोबाइल की कॉल डिटेल्स खंगाल रही है. मदन किन-किन लोगों के संपर्क में थे इसका पता लगाया जा रहा है. कोई उन्हें पैसे के लिए प्रताड़ित तो नहीं कर रहा था. इसकी भी जांच की जा रही है. जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि आखिर मदन ने ऐसा क्यों किया. सोमवार को मदन ने अपने भाई से संपर्क किया था. इसके अलावा वर्धा के एक व्यापारी से लगातार संपर्क में थे. रोजाना मदन की उस व्यापारी से बातचीत होती थी. पुलिस व्यापारी से भी पूछताछ करने वाली है.