नई दिल्ली. चुनाव आयोग ने शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों और सभी पांच राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. अधिकारियों ने देश में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति और पांचों चुनावी राज्यों में इसके ट्रेंड को देखते हुए स्थिति की समीक्षा की. समीक्षा के बाद निर्देश दिया गया है कि 22 जनवरी तक रोड शो, पदयात्रा, साइकिल/बाइक रैली पर रोक जारी रहेगी. आयोग ने इस दौरान राजनीतिक पार्टियों को केवल वर्चुअल रैली करने की इजाजत दी गई है. आयोग ने राजनीतिक दलों को अधिकतम 300 व्यक्तियों या हॉल की क्षमता के 50 फीसदी के साथ इनडोर बैठकें करने की अनुमति दे दी. इसके अलावा चुनान आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (एमसीसी) के प्रावधानों और कोविड के व्यापक दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया है. आयोग ने राज्य/जिला प्रशासन को एमसीसी और कोविड से संबंधित सभी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. इन राज्यों में विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में होंगे. सभी राज्यों के चुनावों की मतगणना 10 मार्च को होगी. चुनाव आयोग 22 जनवरी को फिर स्थिति की समीक्षा करेगा, तब तक राजनीतिक दलों डिजिटल प्रचार करना होगा.
आयोग ने लगाए थे ये प्रतिबंध
इससे पहले यूपी, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में चुनाव की तारीखों का ऐलान करते वक्त आयोग ने महामारी को देखते हुए 15 जनवरी तक रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगा दी थी. आयोग ने इन राज्यों में कैंपेन को लेकर गाइडलाइन जारी की थी. इसमें नुक्कड़ सभाओं पर भी बैन लगाया गया था. डोर-टू-डोर कैंपेन के लिए लोगों की संख्या 5 निश्चित की गई थी. इतना नहीं वोटों की गिनती के बाद विजय जुलूस निकालने पर भी प्रतिबंध लगाया गया था.
चुनावी राज्यों में बढ़ रहा है कोरोना
बीते छह दिन में कोरोना के ट्रेंड पर नजर डालें तो चुनाव वाले दो बड़े राज्य उत्तर प्रदेश और पंजाब में ही कोरोना बेतहाशा बढ़ा है. उत्तर प्रदेश में 8 जनवरी को 6401 केस आए थे, जो 14 जनवरी तक बढ़कर 15975 हो गए, यानी इनमें 150 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. ऐसे ही पंजाब में 8 जनवरी को 3560 केस दर्ज किए गए थे, जो 14 जनवरी को 7552 हो गए, यानी इनमें 112 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. ऐसे में बंदिशें कम करने की बजाय बढ़ाने की जरूरत है.