नागपुर। (नामेस)। नागपुर जिले के कई गांव भारी बारिश और ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में आ गए हैं. राज्य के पशुपालन, दुग्ध व्यवसाय विकास, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री सुनील केदार ने गुरुवार को क्षेत्र का निरीक्षण किया.उन्होंने नागपुर तालुका के बोखारा गांव का दौरा किया और हेमंत रोशन निवते के परिवार से मुलाकात की. उनकी प्राकृतिक आपदा में मृत्यु हो गई थी. खेल मंत्री ने मृतक के परिजनों को दिलासा दिया. मृत बालक दूध बांट रहा था. इसलिए पशुपालन मंत्री सुनील केदार ने चार लाख रुपए मुआवज़ा देने की घोषणा की. उन्होंने समूह विकास अधिकारी एवं तहसीलदार को सरकारी योजना से गौशाला स्वीकृत करने के निर्देश दिए. उन्होंने पुलिस विभाग को तत्काल कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया. प्रकृति के अचानक हुए प्रहार से ग्रामीण क्षेत्रों के किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. राज्य सरकार ने तत्काल पंचनामा करने का आदेश अधिकारियों को दिया है. राज्य सरकार की ओर से निश्चित तौर पर मदद के लिए हाथ बढ़ाया जाएगा. सर्वेक्षण करते समय किसानों को वास्तविक नुकसान हुआ है, उनकी मदद करें. इसके अलावा, ग्रामीण अंचल में रहने वाले गरीब और झुग्गी-झोपड़ी के निवासी भी प्रभावित हुए हैं. उनके नुकसान का भी सर्वेक्षण करने के निर्देश मंत्री केदार ने करने के निर्देश दिए. जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत सदस्यों को इस कार्य में सहयोग करना होगा.
इस दौरे में उनहोंने नागपुर तालुका में बोखारा, गुमथला, बैलवाडा, कामठी तालुका में गुमथी, लोणखैरी, सावनेर तालुका में दहेगाव(रं), पारशिवणी तालुका में इटगांव, भागीमहारी, रामटेक तालुका में जमुनीया, टुयापार, घोटी, फुलझरी आदि गांवों में अतिवृष्टी के चलते क्षतिग्रस्त फसलों की समीक्षा की. केदार ने कहा कि क्षेत्र का पंचनामा तत्काल कराया जाएगा और इसका मुआवजा जल्द से जल्द प्रभावित किसानों को दिया जाएगा.
डेढ़ हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में फसल बर्बाद
जिले में करीब 7 हजार 431 हेक्टेयर क्षेत्र में कपास, गेहूं, चना, अरहर, मूंगफली, सब्जियां और फल जैसे संतरा और टमाटर को नुकसान पहुंचा है. शुरुआती अनुमान के मुताबिक खाताधारकों की संख्या 8,334 है. बेमौसम बारिश ने तुर फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है और डेढ़ हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल का फसल क्षतिग्रस्त हुआ है.