नई दिल्ली. भारतीय नौसेना ने मंगलवार को सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया. पश्चिम तट पर तैनात लड़ाकू युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम से इसे दागा गया.मिसाइल ने अचूक निशाना साधा. नौसेना के सूत्रों ने बताया कि इस मिसाइल का यह समुद्र से समुद्र में मार करने वाला संस्करण था. परीक्षण के दौरान इसने अधिकतम दूरी पर जाकर लक्षित पोत पर सटीक वार किया. इससे पहले रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के हवाई संस्करण का दिसंबर में सफल परीक्षण किया गया था. इससे पहले 26 दिसंबर 2021 को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परमाणु प्रतिरोध बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा था कि भारत ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों के निर्माण की आशा कर रहा है ताकि कोई भी दुश्मन देश उस पर बुरी नजर न डाल सके. रक्षा प्रौद्योगिकी और परीक्षण केंद्र और लखनऊ में ब्रह्मोस विनिर्माण केंद्र के शिलान्यास समारोह में उन्होंने कहा था कि मिसाइलों के निर्माण का उद्देश्य किसी पर हमला करना नहीं बल्कि देश की पुख्ता सुरक्षा करना है.
ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत
ब्रह्मोस मिसाइल की सटीकता इसे और ज्यादा घातक बनाती है. इसकी रेंज को भी बढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा, दुश्मन के रडार से बच निकलने में भी ये मिसाइल माहिर है. इसमें ब्रह्म का मतलब है ‘ब्रह्मपुत्र’ और माेस का मतलब ‘मोस्कवा’. ब्रह्मोस की गिनती 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में होती है, जो एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. ये मिसाइल 4300 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर सकती है.