नई दिल्ली. उत्तराखंड के हरिद्वार और दिल्ली में धर्म संसद के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषण पर विवाद बढ़ता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा को चिट्ठी लिखकर इस मसले पर स्वत: संज्ञान लेने की अपील की है. हरिद्वार में 3 दिन चली धर्म संसद 20 दिसंबर को खत्म हुई थी. कहा है. टीएमसी सांसद ने कहा है कि धर्म संसद का आयोजन जूना अखाड़ा के यति नरसिंहानंद गिरी ने किया था. इसमें मुस्लिमों को नुकसान पहुंचाने की बात कही गई. इसलिए उनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए. चिट्ठी में कहा गया है कि भाषणों में खुलेआम एक पूरे समुदाय की हत्या के लिए आह्वान किया गया है. चिट्ठी लिखने वाले वकीलों में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, दुष्यंत दवे, प्रशांत भूषण, वृंदा ग्रोवर के नाम भी शामिल हैं.
भाजपा नेता भी हुए थे शामिल
धर्म संसद का आयोजन धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद ने किया था. उन पर पहले भी नफरत भरे भाषणों से हिंसा भड़काने के आरोप लग चुके हैं. टीएमसी नेता साकेत गोखले ने हरिद्वार के ज्वालापुर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी. उनके मुताबिक कार्यक्रम में हिंदू रक्षा सेना के प्रबोधानंद गिरी, बीजेपी महिला विंग से जुड़ी उदिता त्यागी और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय मौजूद थे.