नई दिल्ली. नगालैंड सरकार ने रविवार को जानकारी दी कि प्रदेश में अफस्पा को वापस लेने की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा. इस संबंध में बीती 23 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने नागालैंड में वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की थी. इस बैठक में नागालैंड के सीएम, असम के सीएम और अन्य ने भाग लिया था. बैठक में कई महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की गई. जिसमें प्रदेश में अफस्पा को हटाने की बात हुई है. बैठक में निर्णय लिया गया कि नगालैंड में अफस्पा को वापस लेने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा. ये समिति इसकी जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट 45 दिनों में देगी. नगालैंड सरकार ने अपने बयान में कहा कि समिति का प्रमुख काम प्रदेश से अशांत क्षेत्र और अफस्पा को वापस लेना इसकी सिफारिशों पर आधारित होगा.
विधानसभा में अफस्पा के खिलाफ प्रस्ताव पारित
अफस्पा सेना को ‘अशांत क्षेत्रों’ में किसी की बिना वारंट गिरफ्तारी और नजरबंदी, बिना किसी अनुमति के गोली चलाने जैसी शक्तियां देता है. 20 दिसंबर को नागालैंड विधानसभा ने भारत सरकार से इस क्षेत्र में अफस्पा हटाने की मांग करते हुए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था. प्रस्ताव को पेश करते हुए सीएम रियो ने कहा था कि पिछले 20 सालों से राज्य सरकार इस क्षेत्र से विवादित कानून को हटाने और नागालैंड को अशांत क्षेत्र की सूची से हटाने की मांग कर रहा है.