नई दिल्ली. भारत सहित दुनिया के तमाम हिस्सों में ओमिक्रॉन संक्रमण तेज रफ्तार से बढ़ता जा रहा है. भारत में देखते-देखते कोरोना के इस बेहद संक्रामक वेरिएंट से संक्रमितों की संख्या 400 के आंकड़े को पार कर गई है. ओमिक्रॉन के इस तेजी से बढ़ते रफ्तार को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंतित हैं. रिपोर्टस में दावा किया जा रहा है कि ओमिक्रॉन का संक्रमण उन लोगों में भी देखने को मिल रहा है जिनका पूरी तरह से वैक्सीनेशन हो चुका है. वहीं विदेशों से बूस्टर डोज ले चुके लोग भी इस संक्रमण से सुरक्षित नहीं माने जा रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि कोरोना के इस गंभीर खतरे से बचाव कैसे किया जाए? ऑस्ट्रेलिया, जापान और ब्रिटेन जैसे देशों के आंकड़े बताते हैं कि ओमिक्रॉन वेरिएंट वहां कम्युनिटी ट्रांसमिशन का रूप ले चुका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने हालिया रिपोर्ट में कहा है कि जिस रफ्तार से ओमिक्रॉन वेरिएंट का संक्रमण बढ़ता जा रहा है, ऐसे में लग रहा है कि यह डेल्टा वैरिएंट से आगे निकल जाएगा और दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में सामुदायिक प्रसार का कारण बन सकता है. दुनियाभर में अब तक कोरोना का यह वेरिएंट करीब 108 देशों में फैल चुका है जहां बहुत ही कम समय में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को यह अपना शिकार बना चुका है. भारत में भी कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट बड़े ही तेज रफ्तार के साथ बढ़ता जा रहा है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि देश में ओमिक्रॉन के कम्युनिटी ट्रॉंसमिशन की शुरुआत हो चुकी है.
देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू
महामारी विशेषज्ञ डॉ.दीपक सक्सेना बताते हैं, ओमिक्रॉन के अब तक सामने आए मामलों में से 70 फीसदी लोगों ने हाल-फिलहाल विदेशों की यात्रा की है, इनमें संक्रमण की पुष्टि होने को सामान्य माना जा सकता है. हालांकि 30 फीसदी ऐसे लोगों में भी ओमिक्रॉन का संक्रमण सामने आया है जिनकी न तो कोई ट्रैवेल हिस्ट्री है और न ही वह किसी बाहर से लौटे व्यक्ति के संपर्क में आए हैं. इससे स्पष्ट होता है कि इस वेरिएंट का कम्युनिटी ट्रांसमिशन देश में शुरू हो चुका है.