नई दिल्ली. पेट्रोल की महंगाई के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, सरकार ने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) प्रोग्राम के तहत ‘इथेनॉल’ पर जीएसटी दर को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है. आपको बता दें कि ईबीपी प्रोग्राम के तहत पेट्रोल में ‘इथेनॉल’ को मिलाया जाता है. बता दें कि सरकार ने 2014 से ‘इथेनॉल’ के प्रभावी मूल्य को अधिसूचित किया है. 2018 के दौरान पहली बार, सरकार द्वारा इथेनॉल उत्पादन के लिए उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल के आधार पर इथेनॉल के अंतर मूल्य की घोषणा की गई थी. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा ‘इथेनॉल’ की खरीद भी बढ़ी है. ‘इथेनॉल’ आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2013-14 में 38 करोड़ लीटर से मौजूदा ईएसवाई वर्ष 2020-21 में बढ़कर 350 करोड़ लीटर से अधिक हो गई है. देश में चीनी उत्पादन को सीमित करने और ‘इथेनॉल’ के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए, सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें ‘इथेनॉल’ उत्पादन के लिए बी भारी शीरा, गन्ने का रस, चीनी और चीनी की चाशनी को बदलने की अनुमति देना शामिल है.
‘इथेनॉल’ मिलाने का फायदा
पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने की वजह से आयात में कटौती होने की उम्मीद है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है, जो अपनी 85 प्रतिशत से अधिक मांग को पूरा करने के लिए विदेशों से आयात पर निर्भर है. इससे प्रदूषण भी कम होता है और किसानों को अलग आमदनी कमाने का एक जरिया भी मिलता है.