नागपुर।(नामेस)। राज्य सरकार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के राजनीतिक आरक्षण के लिए आवश्यक डेटा एकत्र करने का कार्य तुरंत शुरू करना चाहिए. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के अध्यक्ष नाना पटोले ने मांग की है कि, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खुद पहल करें और पिछड़ा वर्ग आयोग को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करें, ताकि तत्काल डेटा एकत्र करके ओबीसी आरक्षण को बनाए रखने के प्रयास में हम सभी सफल हों. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पटोले ने आगे कहा कि, केंद्र सरकार के पास जो आंकड़े हैं, उन्हें जानबूझकर मुहैया नहीं कराया गया. भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार ने मिलकर राज्य सरकार के इस लक्ष्य में बाधा डालने का काम किया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक आज से तुरंत डाटा कलेक्शन शुरू हो जाना चाहिए. पटोले ने कहा कि राज्य सरकार को इसके लिए जो भी संसाधन चाहिए वह उपलब्ध कराएं जाए, ताकि किसी भी कीमत पर ओबीसी आरक्षण को बरक़रार रखा जा सके. पटोले ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बात पर जोर देती है कि ओबीसी का आरक्षण हर हाल में बना रहे. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि ओबीसी आरक्षण को खत्म करने की साजिश के पीछे शुक्राचार्य कौन हैं? हम जल्द ही इस जानकारी का खुलासा करेंगे. नाना पटोले ने कहा कि भाजपा ने ओबीसी आरक्षण की पेंच को ज्यादा उलझा दिया. ऐसे में यह बहुत गलत है कि वे, आज राज्य सरकार पर इसका ठीकरा फोड़ रहे हैं. अगर केंद्र सरकार की ओर से डेटा गलत था, तो देवेंद्र फडणवीस और उनकी सरकार में तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने डेटा प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र क्यों लिखा.
बीजेपी और आरएसएस कर रहे आरक्षण खत्म
पटोले ने पूछा है कि महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार पर हमला करने वाले फडणवीस पांच साल तक चुप क्यों रहे? जब मैं विधानसभा का अध्यक्ष था तो ओबीसी की जनगणना कराने के लिए सदन में एक प्रस्ताव पारित किया गया था. लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐसी जनगणना नहीं की. इन तथ्यों से साफ है कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरक्षण खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहते, लेकिन कांग्रेस पार्टी ओबीसी को हर हाल में राजनीतिक आरक्षण दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.