नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत दो लेन की सड़क बनाने को मंजूरी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने सेनाओं के लिए इसके रणनीतिक महत्व को देखते हुए डबल लेन का रोड बनाने को स्वीकृति दी है. अदालत सरकार के इस तर्क से सहमत हुआ कि इस इलाके में सड़कें सामरिक महत्व रखती हैं. कोर्ट ने कहा कि सीमा सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान देने जरूरत है. हाल के दिनों में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां देखी गई हैं. ऐसे में सैनिकों और हथियारों की आवाजाही आसान होनी चाहिए. कोर्ट ने अपने 8 सिंतबर 2020 के आदेश को संशोधित करते हुए प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. सुको ने पूर्व जस्टिस एके सीकरी के नेतृत्व में समिति का भी गठन किया, जो यह सुनिश्चित करेगी कि पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर सभी जरूरी उपाय किए जाएं. साथ ही कमेटी की ओर से जो सिफारिशें दी जाएं, उनका पालन हो. इस निगरानी समिति को रक्षा मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार और सभी जिलाधिकारियों का पूरा सहयोग मिलेगा. प्रोजेक्ट के कारण हिमालयी क्षेत्रों में भूस्खलन की चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार की ओर से जवाब दिया गया.सरकार ने कहा कि आपदाओं को रोकने की कोशिशें के तहत सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं. देश के अलग-अलग इलाकों में भूस्खलन हुआ है और इसके लिए केवल सड़क निर्माण जिम्मेदार नहीं है.
सेना के लिए सड़क का बनना जरूरी
कुछ दिनों पहले केंद्र ने अदालत में एक सीलबंद लिफाफा दायर किया था. इसमें चीन की तरफ से किए गए कंस्ट्रक्शन की तस्वीरें थीं. सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने कहा, चीन की तरफ से हवाई पट्टी, हेलीपैड, टैंकों, सैनिकों के लिए बिल्डिंग्स और रेलवे लाइनों का निर्माण किया जा रहा है. टैंक, रॉकेट लांचर और तोप ले जाने वाले ट्रकों को इन सड़कों से गुजरना पड़ सकता है, इसलिए सड़क की चौड़ाई 10 मीटर की जानी चाहिए.