नागपुर।(नामेस)। फेसबुक पर हुई दोस्ती के झांसे में आई 18 वर्षीय युवती को गलत हाथों में जाने से बचा लिया गया. इस दौरान युवती के पास 52,105 रुपये और 2 मोबाइल भी थे. शहर पुलिस की सह पुलिस आयुक्त अश्वती डोरजे द्वारा ऐसी युवतियों के लिए चलाये जा रहे ‘पुलिस दीदी’ कार्यक्रम के माध्यम से युवती को समझाइश दी गई. अपनी गलती समझ आने पर युवती ने भी मददगार रही पुलिस और ऑटो चालकों का आभार माना. प्राप्त जानकारी के अनुसार संगीता (बदला हुआ नाम) मूलत: उकली, तहसील-औंढा, जिला हिंगोली निवासी है. उसके माता-पिता किसान हैं. फेसबुक पर संगीता की दोस्ती राजस्थान के एक युवक से हुई. युवक ने उसे प्रेम झांसे में लेकर राजस्थान आने को कहा. संगीता भी उसके झांसे में आ गई और 4 दिसंबर को अपने घर से भागकर नागपुर आ गई, ताकि यहां से ट्रेन से राजस्थान जा सके. उसने घर से 52,105 रुपये और अपने दोनों मोबाइल भी साथ रख लिये. यह रकम उसके पिता ने सोयाबीन बेचने के बाद घर में रखी थी. करीब 2 दिन शहर में भटकने के बाद संगीता मुंजे चौक पर हैरान परेशानी बैठी हुई थी. इसी दौरान वहां खडे ऑटो चालक विनोद पाटेवार, अब्दुल फईम और आसिफ खान की नजर उस पर पड़ी. उन्हें समझने में देर नहीं लगी और उन्होंने तुरंत सीताबर्डी थाने को सूचित किया. समाजसेवी आरती सुलेखा खत्री और ऑटो चालकों की मदद से पुलिस ने संगीता को सीताबर्डी थाने लाया. पहले तो वह कुछ बताने को तैयार नहीं हुई लेकिन उसके सामान की तलाशी मिले रुपये देखने के बाद संगीता ने बताया कि वह अपने एफबी फ्रेंड से मिलने घर से भागी है. यह रकम उसके पिता की है. ऐसे में ज्वाइंट सीपी डोरजे द्वारा चलाये जा रहे ‘पुलिस दीदी’ कार्यक्रम की महिला पुलिसकर्मियों ने संगीता को समझाना शुरू किया. उसे विश्वास में लेकर सारी जानकारी हासिल की और उसे बताया गया कि सोशल मीडिया पर बने दोस्तों के अधिकांश मामलों में युवतियों को बहला कर घर से भगा लिया जाता है. इसके बाद या तो उन्हें शादी के लिए बेच दिया जाता है या देह व्यापार में धकेल दिया जाता है. यह सुनने के बाद संगीता हैरान रह गई.
युवती को हुआ गलती का एहसास, मांगी माफी
महिला पुलिसकर्मियों ने उसे कुछ उदाहरण भी बताये. सच सुनकर संगीता को अपनी गलत को एहसास हुआ और उसने पुलिसकर्मियों और वहां मौजूद ऑटो चालकों से माफी मांगी. संगीता के इस व्यवहार से सभी ने राहत की सांस ली कि एक युवती गलत हाथों में जाने से बच गई. संगीता के परिजनों को थाने बुलाकर उनके सुपुर्द कर दिया गया. साथ ही उन्हें भी जरूरी समझाइश दी गई. उक्त कार्रवाई सीनियर पीआई अतुल सबनीस, पीआई अनिल काचोरे, एपीआई दिलीप चंदन, एपीआई योगेश मोहिते, महिला हवलदार रेखा, सारिका, अश्विनी, गीते ने की.