नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में यह स्वीकार कर लिया कि नगालैंड में सेना की फायरिंग एक गलती थी. सेना की फायरिंग में 14 नागरिकों की मौत के बाद विपक्ष ने संसद में सरकार से जवाब मांगा था. गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इस घटना पर सरकार का पक्ष रखा. शाह ने कहा, सेना ने नागरिकों को पहचानने में गलती की। इस घटना की जांच के लिए एसआईटी बनाई जाएगी, जो एक महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी. शाह ने कहा कि हम इस घटना पर गहरा दुख जाहिर करते हैं. मृतकों के परिवारों के साथ भी हमारी संवेदना है. अब फैसला किया है कि इस तरह के ऑपरेशन करते वक्त सभी एजेंसियां यह निश्चित करेंगी कि आगे ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना न हो. इस घटना की हम जांच कर रहे हैं और शांति बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. सेना भी इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करा रही है. कानून के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.
विपक्ष ने लोकसभा से किया ‘वॉकआउट’
शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा कि केंद्र के बयान में कोई दम नहीं है. कांग्रेस सांसद चौधरी ने जानना चाहा कि पूर्वोत्तर में ऐसी घटनाएं आखिर क्यों हो रही हैं? चौधरी ने कहा, यह नागालैंड से आ रही परेशान करने वाली खबरों से संबंधित नहीं हो सकता. हम पूछ रहे हैं कि निर्दोष नागरिकों पर गोलियां क्यों चलाई गईं और एक सैनिक को अपनी जान आखिर क्यों गंवानी पड़ी?’ अमित शाह के बयान से असंतोष विपक्ष ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया.