-एमएसपी की गारंटी समेत छह मुद्दे अभी बाकी
-आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी कमेटी
सोनीपत. अपनी मांगों को लेकर सरकार से बातचीत करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है. इसमें किसान नेता बलबीर राजेवाल, युद्धवीर सिंह, गुरनाम सिंह चढूनी, अशोक तावले व शिवकुमार कक्का शामिल हैं.संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक 7 दिसंबर को होगी. पांच सदस्यीय कमेटी अब आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी. किसानों ने कहा कि हमारी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा. किसान नेता जोगेंद्र सिंह उग्रांह ने कहा कि सरकार बार-बार छोटी कमेटी गठन करने की बात कह रही थी. इसलिए छोटी कमेटी बनाई गई है. पहले कृषि कानूनों का बड़ा मुद्दा था. उस समय छोटी कमेटी का कानूनों में संशोधन पर मान जाने या दबाव का डर था. लेकिन अब कानून वापस हो चुके हैं. बड़ा मुद्दा हल हो गया है. अब छोटे मुद्दों पर छोटी कमेटी का गठन किया गया है. जो सरकार से हर मुद्दे पर बातचीत कर सकती है. किसान नेता रणजीत सिंह राजो ने कहा कि किसान अब घर तो जाना चाहते हैं, लेकिन कब जाना है और कैसे जाना है, यह मोर्चा तय करेगा. उन्होंने कहा कि तीन कानून वापस हो गए हैं, लेकिन एमएसपी की गारंटी समेत 6 मुद्दे अभी बाकी है. अहम बात यह है कि हरियाणा सरकार के साथ किसानों की बैठक में सरकार ने मुआवजा देने से इनकार दिया है. जब सरकार ने 15 दिन पहले किसानों से माफी मांगकर कानून वापस ले लिए हैं तो अब बाकी मांगें क्यों नहीं मानी जा रही. किसान नेता जोगेंद्र सिंह ने कहा कि हम साफ कहते हैं कि सरकार जब तक सारे केस वापस नहीं लेगी तब तक हम नहीं जाएंगे. इसकी सरकार से लिखित गारंटी चाहिए. जोगेंद्र सिंह ने कहा कि पहले कईं बार हुआ है कि सरकार ने आंदोलन के केस वापस करने की बात बोल दी लेकिन बाद में उसमें लोगों को सजा तक हुई है.
मुकदमे वापस जाने तक नहीं जाएंगे वापस : कक्का
21 तारीख को जो पत्र लिखा था, उसका आज तक सरकार से कोई जवाब नहीं आया. जब तक मुकदमे वापस नहीं होंगे हम यहां से नहीं जाएंगे. किसानों की मृत्यु के आंकड़े न होने वाले कृषि मंत्री ने बयान की शिवकुमार कक्का ने निंदा की.
बैठक में किसानों की मांगों पर भी हुआ विचार
दरअसल, इस बैठक में प्रदर्शनकारी किसानों की लंबित पड़ी मांगों पर भी विचार किया गया. इनमें फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी, किसानों के खिलाफ मामले वापस लेना, आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा देना शामिल हैं. वहीं, एसकेएम कोर कमेटी के सदस्य दर्शन पाल ने बैठक से पहले कहा था, ‘केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक कोई औपचारिक आश्वासन नहीं मिलने के कारण किसान अपनी लंबित मांगों के लिए संघर्ष करने को मजबूर हैं.’
कमेटी सरकार से सभी मामलों पर बातचीत करेगी
मीटिंग के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 5 लोगों की कमेटी बनाई है. यह कमेटी सरकार से सभी मामलों पर बातचीत करेगी. सरकार को बातचीत करनी है तो कमेटी से संपर्क कर सकती है. संयुक्त किसान मोर्चा भी ऐसे ही काम करता रहेगा. टिकैत ने कहा, ‘हम तय करेंगे कि आंदोलन कैसे आगे बढ़ेगा और सरकारों के साथ बातचीत कैसे आगे जानी चाहिए.’