मुंबई। (एजेंसी)। महाराष्ट्र में अब पहली से चौथी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए भी स्कूल खुलने जा रहे हैं. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अपनी ओर से ‘नो आॅब्जेक्शन’ दे दिया है. राज्य के कोरोना से संबंधित चाइल्ड टास्क फोर्स ने भी इस पर मंगलवार को एक अहम बैठक की और उन्होंने भी प्राइमरी स्कूल शुरू करने को लेकर ग्रीन सिग्नल दिया है. कल गुरुवार 25 नवंबर को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ राज्य मंत्रिमंडल की बैठक है. इस कैबिनेट मीटिंग में अंतिम निर्णय की संभावना है. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह जानकारी दी है. राजेश टोपे ने कहा कि पहली से चौथी कक्षा के विद्यार्थियों को संक्रमण ना हो, इसकी पूरी सावधानी रखते हुए स्कूल खोलने में कोई परेशानी नहीं है. इस संबंध में चाइल्ड टास्क फोर्स का भी मत है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पहली से चौथी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले जाने में कोई अड़चन नहीं है. अंतिम निर्णय का अधिकार मुख्यमंत्री और कैबिनेट का है.
कल सीएम उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल की बैठक में ले सकते हैं फैसला
गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर अंतिम निर्णय होने की संभावना है. गुरुवार को इस पर फैसला नहीं भी होता है तो अगले दस दिनों में निर्णय होने की पूरी संभावना है. दरअसल कोरोना काल की शुरूआत से ही ज्यादातर फैसले स्वास्थ्य विभाग और राज्य कोरोना टास्क फोर्स की राय से लिए जाते हैं. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के मुताबिक राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अपनी हामी भर दी है और राज्य के कोरोना टास्क फोर्स ने भी सकारात्मक रुख दिखाया है. इसलिए पूरी संभावना है कि पहली कक्षा से स्कूल शुरू करने को लेकर कल की कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री द्वारा इस पर निर्णय ले लिया जाए.
स्कूल खोलने का प्रस्ताव दिया स्कूली शिक्षा विभाग ने
फिलहाल पांचवी और उससे ऊपर तक के विद्यार्थियों के स्कूल खुले हुए हैं. शहरी और ग्रामीण इलाकों में पहली से चौथी तक के स्कूल बंद हैं. पहली से चौथी तक के स्कूल शुरू किए जाने को लेकर स्कूली शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव दिया हुआ है. अब स्वास्थ्य विभाग ने भी इस प्रस्ताव पर अपनी हामी भर दी है. मुख्यमंत्री को निर्णय लेना है. राज्य में फिलहाल प्रतिदिन 700-800 के करीब संक्रमण के नए केस सामने आ रहे हैं. अभिभावकों को इसके लिए स्कूल मैनेजमेंट पर विश्वास करते हुए अपनी सहमति देनी होगी. राजेश टोपे ने कहा कि ह्यमहाराष्ट्र में कोरोना की तीसरी लहर सौम्य स्वरूप में आने का अंदाजा है. अगर 12 से 18 साल के विद्यार्थी संक्रमित हुए तो वे अपने घर में बुजुर्ग सदस्यों को संक्रमित कर सकते हैं. इसलिए केंद्र सरकार 12 से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर जल्दी फैसला करे.