नई दिल्ली. स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा कि जिलों और गांवों के स्थानीय प्रभावशाली लोग, जो वैक्सीनेटेड हैं, और अपने साथियों के समूहों को प्रभावी ढंग से प्रेरित कर सकते हैं. इसमें कहा गया है कि भरोसेमंद व्यक्तियों और समुदाय के नेताओं की पहचान की जाए और उन्हें टीकाकरण राजदूत के रूप में नियुक्त किया जाए. पत्र में कहा गया है कि टीके की दोनों खुराक लेने और टीकाकरण कार्यक्रम को पूरा करने के महत्व पर जरूरी सलाह देने के लिए उन्हें ‘हर घर दस्तक’ अभियान के बारे में जानकारी दी जाए. टीकाकरण अभियान के तहत किए जाने वाले उपायों पर, मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि कोविन पर रेफरल कोड प्रत्येक राजदूत को सौंपा जा सकता है. प्रत्येक व्यक्ति को जो टीका लगाया जा सकता है. उन राजदूतों के लिए प्रमाण पत्र जो पूर्ण कवरेज सुनिश्चित करते हैं, देने का सुझाव दिया. साथ ही उन लोगों के लिए स्थानीय भाषाओं में मोबाइल फोन के माध्यम से आईवीआर संदेश के लिए भी सुझाव दिया है जिन्हें पहली खुराक मिली है और दूसरी देय है. इन संदेशों को स्थानीय नायक के राजदूत की आवाज में रिकॉर्ड किया जाए.
प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि कार्यस्थल पर टीकाकरण का आयोजन करना और पूरी तरह से टीका लगाए गए कर्मचारियों को बैज प्रदान करना लक्ष्य को प्राप्त करने का एक और तरीका है. कार्यालयों, संगठनों और अन्य कार्यस्थलों के कर्मचारियों को भी टीकाकरण संदेश वाले बैज प्रदान किए जा सकते हैं. ‘हर घर दस्तक’ अभियान 30 नवंबर तक चलेगा.जिलों को सभी छूटे हुए लाभार्थियों की पहचान करनी है और उनका प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करना है.
Sunday, November 24, 2024
Offcanvas menu