नई दिल्ली। (एजेंसी)।
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले रविवार 28 नवंबर को सर्वदलीय बैठक होगी। सूत्रों की मानें तो यह बैठक रविवार को सुबह 11 बजे होगी और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं। उसी शाम बीजेपी की संसदीय कार्यकारिणी की बैठक भी होगी, जिसमें संसद सत्र में उठने वाले मुद्दों और रणनीति पर चर्चा हो सकती है। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा और 23 दिसंबर तक चलेगा। प्रत्येक सदन की लगभग 20 बैठकें होंगी। यह सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है। शीतकालीन सत्र में तीन नए कृषि कानून को लेकर भी हंगामा होने की पूरी संभावना थी, लेकिन बीच में ही पीएम मोदी ने इसे वापस लेने का ऐलान कर दिया।
गरमा सकता है पूर्वोत्तर भारत में चीनी घुसपैठ का मुद्दा
मानसून सत्र की तरह शीतकालीन सत्र में भी पेगासस और पूर्वोत्तर भारत में चीनी घुसपैठ का मुद्दा गरमा सकता है। इसके अलावा सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में वित्तीय क्षेत्र से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक ला सकती है। इनकी घोषणा बजट में हुई थी। इनमें से एक विधेयक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को सुगमता से पूरा करने से संबंधित है। इसके अलावा सरकार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली न्यास (एनपीएस) को पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) से अलग करने के लिए पीएफआरडीए, अधिनियम, 2013 में संशोधन का विधेयक भी ला सकती है। इससे पेंशन का दायरा व्यापक हो सकेगा।
बैंकिंग नियमन अधिनियम में संशोधन के लिए आ सकता है विधेयक
सूत्रों ने बताया कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में सरकार बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 में संशोधन संबंधी विधेयक ला सकती है। इसके अलावा बैंकों के निजीकरण के लिए बैंकिंग कंपनीज (अधिग्रहण और उपक्रमों का स्थानांतरण) अधिनियम, 1970 और बैंकिंग कंपनीज (अधिग्रहण एवं उपक्रमों का स्थानांतरण) अधिनियम, 1980 में संशोधन करने की जरूरत होगी। बता दें कि कोविड-19 महामारी के चलते पिछले साल संसद का शीतकालीन सत्र नहीं हुआ था और बजट सत्र तथा मानसून सत्र को भी छोटा कर दिया गया था।