काटोल।
विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने दोनों तालुकाओं में गीला सूखा घोषित करने की मांग की है। क्योंकि लगातार भारी बारिश के कारण काटोल /नरखेड़ तालुका की मुख्य फसल सोयाबीन और कपास को भारी नुकसान हुआ है।भारी बारिश की वजह से सोयाबीन से भरी फल्ली अंकुरित होकर सोयाबीन सडने लगी है। कपास, फूलों की पंखुड़ियों की दो बार फुटवे पानी के वजह से गल चुके हैं। कपास के फलों पे फंगस दिखाई दे रहे हैं। संतरे और मोसंबी के फसल फल गलने की वजह बहोत नुकसान हुआ है। लगातार हो रही बारिश से किसान के मुंह पर आया हुआ निवाला जाते हुए दिख रहा है। इसीलिए काटोल/ नरखेड तहसील को तुरंत गिला सूखा घोषित करने और तुरंत मुआवजा देने की घोषणा करने के लिए, और महावितरण कंपनी द्वारा बिजली की समय सूची में किया हुआ बदलाव जिसके कारण किसानों के सामने कई प्रकार की समस्याएं पैदा हुई है। रात के समय बिच्छू और जंगली जानवर से असुरक्षितता निर्माण हुई है। इसीलिए महावितरण समय सूची में बदलाव करके उसे पूर्ववत करने के लिए उप मंडल अधिकारी के माध्यम से किसानों के नेता सुनील वडस्कर के नेतृत्व में विदर्भ राज्य आंदोलन समिति की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस मांग का निवेदन दिया गया है।प्रतिनिधिमंडल में विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के मुख्य संयोजक राम नेवले, अरुण केदार, ऋषभ वानखेडे, रंजना मामर्डे, दत्ताजी धवड, मदन कामडे, निलेश पेठे, संजय उपासे, प्रकाश बोंद्रे, अरविंद बाविस्कर, बाबाराव वाघमारे, गिरीश शेंडे, धनराज तुमडाम, अनुप राऊत, अविनाश राऊत, गजाननराव भोयर, रमेशजी तिजारे, गजानन राव वानखेडे, विनोद गावंडे, प्रशांत घाडगे, मयूर बोबडे, गोपीचंद ढोके, रवी गुजरकर, सुनिल रेवतकर, चंद्रशेखर गावंडे, दुर्गेश चौधरी, ऋषिकेश वानखेडे, मनोहर कौरती, दिलीप घारड, दिलीप वैद्य, प्रभाकरजी वाघ, वसंतराव वैद्य, रामचंद्र बहुरूपी, गजाननराव धोटे, सुरेश राव धोटे, घनश्याम जोगेकर, महेश गोरले, प्रज्योत मोर्चापुरे, अमोल इंगले, कृष्णाजी डफरे, अमर रंगारी, गिरीधर भोयर, श्री मोहितकर, निखिल चरडे, ज्ञानेश्वर तिडके,आकाश सोमकुवर आदि विदर्भवादी किसान उपस्थित थे।
किसानों की प्रमुख मांगें-
काटोल /नरखेड़ तालुका को तात्काल गिला सूखा ग्रस्त घोषित करें। कपास, सोयाबीन आदि फसलों को 25000 रुपए नुकसान मुआवजा सरकार द्वारा दी जानी चाहिए। सरकार संतरा, मौसंबी, बाग आदि को 50,000 रुपये का मुआवजा दे। किसानों की पूरी कर्ज माफी घोषित करें। कृषि पंप बिजली बिल माफ किया जाए। किसानों को तुरंत कृषि फसल बीमा दिया जाए। कृषि पंप की बिजली आपूर्ति समयसूची को पूर्ववत करें।