चीनी मिलों के प्रति सरकार की चिंता बढ़ी

मुंबई.

केंद्रीय गृह मंत्री व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्य में चीनी मिलों से जुड़े मुद्दों पर एक बैठक की अध्यक्षता की. बैठक शाम 4 बजे नॉर्थ ब्लॉक में एक प्रतिनिधिमंडल के साथ शुरू हुई, जिसका नेतृत्व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कर रहे थे. बैठक में महाराष्ट्र के चीनी मिल प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया.अधिकारियों ने कहा कि चीनी मिलों के प्रति सरकार की चिंता के लिहाज से यह बैठक महत्वपूर्ण है. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एफआरपी (उचित और लाभकारी मूल्य) से अधिक भुगतान करने वाली चीनी मिलों को आईटी द्वारा लगातार अधिसूचित किया जाता है. हमने मांग की थी कि इस मुद्दे को खत्म किया जाना चाहिए, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि चीनी मिलों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए और जो भी बदलाव की आवश्यकता होगी, केंद्र सकारात्मकता के साथ कार्य करेगी.बैठक में केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे, सहकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री बीएल वर्मा, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, मदन भोसले और हर्षवर्धन पाटिल के साथ विधायक राहुल कुल, एमएलसी रंजीत सिंह मोहिते पाटिल और पूर्व सांसद धनंजय महादिक उपस्‍थित थे.

सरकार ने इस साल अगस्त में बढ़ाए थे गन्ने के दाम
केंद्र सरकार ने इस साल अगस्त में 2021-22 के नए विपणन सत्र के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी (एफआरपी) मूल्य पांच रुपए बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था. हालांकि, इसके साथ ही सरकार ने चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में तत्काल कोई बढ़ोतरी करने से इनकार किया था. मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की हुई बैठक में 2021-22 के विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य बढ़ाने का फैसला किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गन्ने का एफआरपी बढ़ाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले को किसानों के हित में लिया गया फैसला बताया था और कहा था कि इससे चीनी मिल से जुड़े श्रमिकों को भी लाभ होगा.

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