नई दिल्ली। (एजेंसी)।
तो क्या दिल्लीवासियों को ब्लैकआउट के लिए तैयारी कर लेनी चाहिए? बिजली के बिना वह कैसे अपना काम चलाएंगे, इसका वैकल्पिक इंतजाम शुरू कर देना चाहिए? दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि थर्मल पावर प्लांट में कोयले का केवल एक दिन का स्टॉक बच गया है, जहां से राजधानी को बिजली की आपूर्ति होती है। इस बीच, दिल्ली में बिजली कटौती भी शुरू हो गई है।
एएनआई की की रिपोर्ट के मुताबिक सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘देशभर में कोयले से बिजली उत्पादन करने वाले प्लांट्स में कोयले की भारी किल्लत है। जिस प्लांट से दिल्ली को बिजली की आपूर्ति होती है, उसमें केवल एक दिन का स्टॉक बच गया है, बिल्कुल भी कोयला नहीं है।’
ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा कि राजधानी केंद्र की ओर से संचालित पावर प्लांट्स पर निर्भर है, जो मांग के मुताबिक बिजली आपूर्ती करती है। उन्होंने यह भी कहा कि दो दिन के बाद दिल्ली अंधेरे में डूब जाएगी। उन्होंने कहा, ‘दो दिन के बाद पूरी दिल्ली में ब्लैकआउट होगा, यदि हमें केंद्र से अधिक बिजली आपूर्ति नहीं मिली।’
देश के थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले की भारी कमी
बता दें, कि देश के थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले की भारी कमी हो गई है। देश के 135 प्लांट्स में कोयले से बिजली की आपूर्ति होती है, जिनसे 70 फीसदी बिजली मिलती है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने शुक्रवार को बताया था कि इन प्लांट्स में तीन दिन से कम का स्टॉक बचा है। राजस्थान, तमिलनाडु और ओडिशा जैसे राज्यों में भी गंभीर संकट है।