लखीमपुर खीरी मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली.

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी मामले में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि 3 अक्‍तूबर को उत्तर प्रदेश में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान लखीमपुर खीरी में हुई घटना के संबंध में गृह मंत्रालय और पुलिस को निर्देश दिया जाए कि एफआईआर दर्ज कर मामले में शामिल मंत्रियों को दंडित किया जाए.
दो वकीलों द्वारा दायर याचिका में यह भी मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जाए जिसमें सीबीआई को भी शामिल किया जाए.
लखीमपुर खीरी से दो बार के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में रविवार को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया और इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई. किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा इस एसयूवी में सवार था, उसी ने किसानों को कुचल दिया जिसमें चार किसानों की मौत हो गई. हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज किया है. बाद में भीड़ के हमले में चार अन्य लोग मारे गए थे.

दस नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज
इस घटना पर राजनीति गरम हो गई है. विपक्ष लगातार बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है. इस बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, दीपेंद्र हुड्डा, कुलदीप वत्स और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत 10 नेताओं के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया है.

गोली से नहीं गाड़ी से कुचलकर मरे किसान
रविवार को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के दौरान मारे गए सभी आठ लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, किसी की भी मौत गोली लगने से नहीं हुई. जांच रिपोर्ट में साफ है कि चार लोगों की मौत गाड़ी से कुचलने और खून बहने से हुई जबकि तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं और पत्रकार रमन कश्यप की मौत लिंचिंग के कारण हुई.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *