मुंबई.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने करप्शन के मुद्दे को लेकर अपनी पार्टी नेताओं के साथ भी कड़ा रुख अपना लिया है। करप्शन के मामले में फंसी शिवसेना सांसद भावना गवली शुक्रवार को मुख्यमंत्री ठाकरे से मिलने के लिए वर्षा निवास पर पहुंची थी। सूत्रों के मुताबिक़, मुख्यमंत्री से मिलने के लिए भावना डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक इन्तजार करती रही, लेकिन उन्हें ठाकरे से मिलने का समय नहीं दिया गया। ऐसे में निराश होकर भावना को वहां से बैरंग वापस लौटना पड़ा। मुख्यमंत्री ठाकरे ने अपने इस रुख से साफ़ कर दिया है कि करप्शन को लेकर उनकी जीरो टोलरेंस नीति है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 4 अक्टूबर को मनी लॉन्ड्रिंग केस में भावना गवली को पूछताछ के लिए बुलाया है। माना जा रहा है कि इससे पहले भावना, मुख्यमंत्री ठाकरे से मिल कर अपनी सफाई देना चाहती थीं, लेकिन उन्हें यह मौका नहीं दिया गया है। इससे पहले ईडी ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए भावना गवली के करीबी सहयोगी सईद खान को गिरफ्तार किया था। इस वजह से भावना पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
किरीट सोमैया ने लगाया है आरोप
भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया का आरोप है कि भावना गवली ने बैंकों और अन्य संस्थानों से 100 करोड़ लेकर उसका गलत इस्तेमाल किया है। उनके मुताबिक़ भावना ने 55 करोड़ के कारखाने को मात्र 25 लाख रुपए में खरीद लिया। सोमैया ने इस मामले में ईडी में शिकायत दर्ज करवाई है। इससे पहले सोमैया की शिकायत पर ईडी ने वाशिम के देगाव, शिरपुर, और अन्य तीन ठिकानों में भावना गवली से संबंधित 5 संस्थाओं पर छापा मारा था। इन संस्थाओं में वाशिम जिले के रिसोड में स्थित उत्कर्ष प्रतिष्ठान, बालाजी सहकारी पार्टिकल बोर्ड, बीएमएस कॉलेज, भावना एग्रो प्रोडक्ट सर्विस लिमिटेड शामिल हैं। भावना गवली विदर्भ में शिवसेना की नेता हैं और अब तक पांच बार यवतमाल-वाशिम से लोकसभा का चुनाव जीत चुकी हैं।