कारंजा(घाडगे)।
वर्तमान में राज्य में किसानों द्वारा बोई गई फसलों के लिए फसल जल कार्यक्रम संचालित करने के लिए ई-फसल निरीक्षण कार्यक्रम लागू किया जा रहा है। इसके तहत किसानों के लिए ई-फसल निरीक्षण सॉफ्टवेयर में किसानों द्वारा स्वयं खेत सर्वेक्षण/समूह संख्या, कुल क्षेत्रफल, उप-गरीब क्षेत्र के साथ-साथ फसल जल की जानकारी को खेत में अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य में किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है कई किसान परिवारों के पास एंड्राइड मोबाइल फोन नहीं है। यदि हां, तो सरल और सरल बात करने वाले फोन हैं। कुछ लोगों के पास ऐसा एंड्रॉयड फ़ोन होता है जिसमें इंटरनेट बैलेंस नहीं होता है। आर्वी, आष्टी, कारंजा तालुका के कई गांवों और बस्तियों में अभी भी इंटरनेट सेवा से संबंधित समस्याएं हैं। अत: यदि निर्धन एवं अर्धशिक्षित तथा सामान्य कृषकों के लिए ई-फसल सर्वेक्षण की सूचना निर्धारित समय में नहीं भरी जाती है तो सातबारा पर फसल तालिका रिक्त रहेगी तथा किसान फसल ऋण, देय हानि आदि अनुदान से वंचित रह जायेंगे। प्राकृतिक आपदा के लिए, फसल बीमा इससे पहले से ही संकटग्रस्त ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। यदि सरकार द्वारा ई-फसल निरीक्षण करना संभव न हो तो स्थानीय बेरोजगार युवक-युवतियों को कर तद्नुसार भुगतान करना चाहिए। इसलिए, युवाओं ने मांग की कि आर्वी, आष्टी, कारंजा तालुका के हर गांव में जागरूकता पैदा की जानी चाहिए। इस अवसर पर विश्वभूषण पाटिल, बंडु पाठे, सागर देवासे, आशु हिंगमीरे, राजू पांढुरकर, जनार्दन रबडे, विशाल चोपडे, सम्यक सोमकुमार, शुभम पाटिल, प्रकाश फरकाडे, सतीश पेंदाम, रतन भुसारी, बादल कंगाली, सूरज पाटिल उपस्थित थे।