आष्टी (शहीद)।
तालुका में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है और रुक-रुक कर मूसलाधार बारिश भी हो रही है। इससे किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। आष्टी तालुका सरपंच एसोसिएशन की ओर से तहसीलदार और कृषि अधिकारी से प्रभावित किसानों के खेतों का निरीक्षण करने और किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की मांग की गई थी। तालुका में पिछले कम से कम बीस दिनों में, भारी बारिश, अत्यधिक बारिश, नदी और नाला बाढ़ ने कई किसानों की खड़ी फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। पिछले कुछ वर्षों में पीछे मुड़कर देखें। असमानी, सुल्तानी और प्राकृतिक आपदाएं बड़ी संख्या में हुई हैं। इससे किसानों का आर्थिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सिर पर कर्ज का पहाड़ चढ़ गया है। साथ ही कोरोना महामारी के चलते सरकार द्वारा लगाए गए कर्फ्यू ने किसानों की कमर तोड़ दी है और अब किसान अपने जीवन यापन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मूसलाधार बारिश से कपास, सोयाबीन, अरहर, ज्वार, मूंगफली, मक्का, मूंग, उड़द और संतरे को भारी नुकसान हुआ है। इसलिए इस वर्ष किसानों की आय में भारी गिरावट की स्थिति किसानों के लिए असहनीय है। किसानों को हुए नुकसान की तत्काल जांच कराकर पर्याप्त आर्थिक सहायता दी जाए। साथ ही, सरकार द्वारा वर्तमान में लागू किया जा रहा ई-फसल सर्वेक्षण मोबाइल के माध्यम से किया जा रहा है और ई-फसल सर्वेक्षण सरकारी प्रणाली द्वारा किया जाना चाहिए न कि किसानों द्वारा। इसका कारण जटिल तकनीकी विधियों और मोबाइल की उपलब्धता, रेंज की कमी, समस्या से पहले झील की समस्या किसानों को परेशान करती है और इससे समय पर फसल निरीक्षण गतिविधियाँ नहीं हो पाती हैं। नतीजतन, इस ई-फसल सर्वेक्षण से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। आष्टी तालुका सरपंच एसोसिएशन ने मांग की कि सरकार को किसानों की वित्तीय समस्याओं को देखते हुए किसानों के मुआवजे के लिए ई-फसल निरीक्षण कार्यक्रम लागू करना चाहिए। सरपंच एसोसिएशन के आर्वी विधानसभा अध्यक्ष गजानन भोरे ने आष्टी तहसीलदार सचिन कुमावत, तालुका कृषि अधिकारी एस नडगेरी के साथ चर्चा के बाद निवेदन मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, अभिभावक मंत्री, कलेक्टर। को भेज दिया गया है। उन्होंने तालुका में किसानों की स्थिति पर चर्चा की और एक ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सरपंच संघ के तालुका अध्यक्ष अंकित कावले, सुजातपुर के सरपंच प्रवीण ठाकरे, भारसवाड़ा के सरपंच विनोद शेंडे, टेकोडा के सरपंच जया प्रशांत कठाने और प्रशांत कठाने उपस्थित थे।