लाखनी।
मुरमाडी-सावरी ग्राम पंचायत सबसे बडी ग्रामपंचायत के लिये जनी जाती है। यहा ग्राम विकास अधिकारी को प्रमोशन होने से और उनके स्थान पर प्रवीण सोरतकर को नियुक्त किया गया। लेकिन चूंकि उन्होंने कार्यभार नहीं संभाला, इसलिए पिंपलगांव के ग्रामीण विकास अधिकारी को राजाभोज को सौंप दिया गया। लेकिन एक हफ्ते बाद भी, डब्ल्यू कार्यालय में उपस्थित न होने से ग्राम पंचायत सहित ग्रामीणों का कार्य बाधित हो गया है। जल्द से जल्द स्थाई ग्राम विकास अधिकारी की नियुक्ति की जाए। ऐसा ग्राम पंचायत सदस्य दुर्गेश चोले ने किया है। शहर के पास मुरमाडी ग्राम पंचायत की सीमा में कई नौकरी वाला वर्ग, व्यापारी और सघन किसान बसे हैं। इनमें से कई ग्राम पंचायत से जुड़े हुए हैं। कई ग्रामीणों को प्रमाणीकरण, मकान बदलने, गैर कृषि भूमि परिवर्तन, मकान संबंधी कार्य के लिए ग्राम पंचायत से संपर्क करना पड़ता है। यहां की ग्राम पंचायत में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी प्रमोद टिडके को पदोन्नति अधिकारी पंचायत के पद पर पदोन्नत कर 30 अगस्त को कार्यमुक्त कर दिया गया। उनकी जगह प्रवीण सोरतकर को नियुक्त किया गया है। हालांकि, चूंकि उन्होंने भी पद स्वीकार नहीं किया, इसलिए पिंपलगांव के ग्रामीण विकास अधिकारी राजाभोज को अस्थायी प्रभार दिया गया है। वह भी नियत दिन पर नहीं आता। यह बात ग्राम पंचायत सदस्य दुर्गेश चोले ने कही। नियमित ग्रामीण विकास अधिकारियों की आवश्यकता है क्योंकि बरसात के दिनों में महामारी फैलने की संभावना है। ग्रामीणों की दुर्दशा को देखते हुए तत्काल स्थायी ग्रामीण विकास अधिकारी की नियुक्ति की जाए। ऐसी मांग ग्राम पंचायत सदस्य दुर्गेश चोले ने की है।