भंडारा।
गणेशपुर क्षेत्र में बीमारी से पीड़ित एक गाय कल रात से कीचड़ में पड़ी है तो उन्होंने सुबह तुरंत जाकर पशु चिकित्सा अधिकारी से मिट्टी में पड़ी गाय का इलाज किया। हालांकि, चार घंटे की अथक कोशिश के बाद मरती हुई गाय की मौत हो गई। नगर परिषद भंडारा एवं ग्राम पंचायत गणेशपुर प्रशासन ने मोकत पशुओं के प्रावधान की अक्षम्य उपेक्षा की है। पवन मुस्के ने आरोप लगाया है कि इसी लापरवाही से एक गाय की मौत हुई है। शनिवार को 11 सितंबर की सुबह आदर्श युवा मंच के अध्यक्ष पवन मुस्के को मोबाइल फोन पर पता चला कि शुक्रवार को ग्राम पंचायत के गणेशपुर क्षेत्र में एक बीमार गाय मिली है। गाय 10 सितंबर की रात से कीचड़ में पड़ी है और उसकी हालत गंभीर है. शनिवार की सुबह मुस्के जब घटनास्थल पर गाय से पूछताछ करने पहुंचे तो गाय कीचड़ में मृत पाई गई। पवन मुस्के ने तुरंत भंडारा के पशु चिकित्सालय से डॉक्टरों की टीम बुलाई और अपने खर्चे पर बीमार गाय का इलाज किया। चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद भी मरती गाय को नहीं बचाया जा सका। आदर्श युवा मंच के संयोजक अशोक खोबरागड़े, सदस्य आयुष भोडे और लुकेश जोध ने भी काफी मदद की। इस मौके पर पवन मुस्के ने ग्राम पंचायत गणेशपुर और नगर परिषद भंडारा को आवारा पशुओं को छोड़ने वाले पशुओं के मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चुनौती देते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।