नागपुर। (नामेस)।
अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण विभाग (ओबीसी) में इन दिनों अजीब किस्म का माहौल बन गया है। बताया जाता है कि कामचोरी के मामले में सहायक निदेशक आर.के. भोसले को 21 नोटिस जारी होने के बावजूद निदेशक अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं है।
बता दें, ओबीसी समुदाय के कल्याण के लिए एक स्वतंत्र मंत्रालय शुरू किया गया था। इस विभाग को तीन साल हो चुके हैं। लेकिन, यहां काम में कोई तालमेल नहीं है। अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी है। सामाजिक न्याय विभाग द्वारा ओबीसी विभाग में भेजे गए अधिकारी भी अपनी ड्यूटी बजाने में विफल हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामाला पुणे के निदेशालय में सामने आया है।
बताया जाता है कि सहायक निदेशक आर.के. भोसले पिछले ढाई साल से बैठकों और सुनवाई से नदारद हैं। वह शिक्षा विभाग के प्रभारी हैं, लेकिन वह कभी आश्रम स्कूल की सुनवाई के लिए नहीं गए। वह मंत्री की बैठक में भी शामिल नहीं हुए। कार्यालय से भी अनुपस्थित रहते हैं और काम करने की बात को हमेशा टालते है। आरोप है कि वरिष्ठों की बैठक में लगातार भाग लिया जाता है, लेकिन भोसले आदेश का पालन नहीं करते। वे बैठकें भी नहीं करते हैं और कार्यालय के निवास का झूठा पता देते है। बताया जाता है कि उन्हें विभिन्न कारणों से 21 से अधिक नोटिस जारी किए जा चुके हैं, लेकिन उन्होंने नोटिस पर ध्यान नहीं दिया। इसलिए निदेशक दिलीप हल्दे ने नोटिस जारी कर विभाग से उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। तदनुसार, प्रस्ताव साक्ष्य के साथ तैयार किया गया है। यह स्थापना विभाग के अंतर्गत आता है।
खबर है कि निदेशक ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इससे अन्य अधिकारियों का मनोबल टूट रहा है। साथ ही विवादित अधिकारियों, कर्मचारियों को ओबीसी विभाग भेजकर सामाजिक न्याय विभाग चुपचाप रहता है। इससे ओबीसी विभाग की कार्यकुशलता प्रभावित हुई है। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इससे कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन धीमा हो गया है। ओबीसी विभाग के प्रथम प्रधान सचिव जे.पी. गुप्ता ने कहा कि वह किसी भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने से बचते हैं। लेकिन अब इंद्र मल्लो के पास सचिव (अतिरिक्त प्रभार) की जिम्मेदारी है। ओबीसी, वीजेएनटी संगठनों ने आशा व्यक्त की है कि वे मामलों में सद्भाव लाएंगे।
मार्च से जारी है मेरा उत्पीड़न
‘अजीब तरह से कार्यालय चलाया जा रहा है। मेरा उत्पीड़न पिछले मार्च से चल रहा है। मेरे प्रकटीकरण के बिना वे मेरे खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कैसे कर सकते है?’
-आर.के. भोसले
प्रस्ताव ही नहीं आया मेरे पास
अन्य पिछड़ा वर्ग बहुजन कल्याण विभाग के निदेशक दिलीप हल्दे ने कहा, ‘सहायक निदेशक आर.के. भोसले के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव अभी मेरे पास नहीं आया है। प्रस्ताव मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।’