कामठी.
रनाला गांव की महिलाओं ने रनाला के बेहतर भविष्य के लिए शराबबंदी की मुहिम शुरू की है। यदि हम बात ग्रामीण क्षेत्रों की करें तो गांवों में भी महिलाएं सरपंच, उप सरपंच के साथ ही पंचायत प्रणाली के अन्य पदों पर रहकर गांव की दशा और दिशा बदलने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ऐसे ही महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल इन दिनों कामठी तालुका के रनाला ग्राम पंचायत में देखने को मिल रही है।
इस तरह रनाला गांव में ग्राम संरक्षण दल (शराबबंदी) की महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष माया चवरे के नाम पर ग्राम संरक्षण दल (शराबबंदी) उद्घाटन ज़िला परिषद पूर्व अध्यक्ष सुरेश भोयर के हस्ते व ग्राम संरक्षण दल की प्रदेश अध्यक्ष माया चवरे की अध्यक्षता व पंचायत समिति पूर्व उपसभापति कमलाकर मोहोड़ की प्रमुख उपस्थिति में गठन कर ग्राम संरक्षण दल नाम फलक का उद्घाटन हुआ। तब से महिलाओं ने गांव में शराबबंदी को लेकर व्यापक स्तर पर मुहिम छेड़ दी है। महिला संरक्षण दल के इस संगठन में वैसे तो कुल 13 महिलाएं पदाधिकारी शामिल हैं। जिसमें अध्यक्ष उषा ढेंगे, उपाध्यक्ष कल्पना गायधने, उपाध्यक्ष हीरा कावळे, सचिव- मयूरी कामडी, सहसचिव- सरला आरोडे, सहसचिव- करुणा चवरे, संघटना सचिव- वर्षा झंझाळ, कोषाध्यक्ष कंचन पटेल, सदस्य- अंजु यादव, सदस्य अरविंदा शेंडे, सदस्य- रेखा गायगवळी, सदस्य- अनिता खोब्रागडे, सदस्य शारदा चव्हान (ठाकुर) का समावेश है। इस प्रकार सभी लोग मिल कर इस पूरे अभियान का संचालन कर रहे हैं।
जिसकी गूंज अब अन्य गांवों में शराबबंदी के रूप में सुनाई देने लगी है। ज़रूरत इस बात की है कि शराबबंदी के लिए एकजुट हुई महिलाएं आगे भी इस सामाजिक बुराई के खिलाफ अपनी प्रभावी मुहिम जारी रखने के साथ साथ स्वरोज़गार के जरिए आत्मनिर्भर भी बनें, ताकि अरंड और बुंदेली जैसे सभी गांवों को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिल सके।