7000 गांवों में होगा मोबाइल सुविधा का विस्तार

-इन गांवों में 4जी मोबाइल की सुविधा भी उपलब्ध होगी
-संपूर्ण प्रोजेक्ट पर होगा 6466 करोड़ रुपए का खर्च
-केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हुआ फैसला

नई दिल्ली। (एजेंसी)।  
बुधवार को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में देश के गांवों को मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ने को लेकर अहम फैसले किए गए। महाराष्ट्र सहित 5 राज्यों के 44 जिलों के 7000 गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी का विस्तार किया जाएगा. साथ ही कैबिनेट ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण को भी मंजूरी दे दी है. जनजातीय इलाकों में 32,152 किलोमीटर सड़क निर्माण किया जाएगा. इस पर 33,822 करोड़ रुपए का अनुमानित व्यय होगा. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठक में लिए फैसलों की जानकारी साझा की।

गांवों को टेलिकॉम सुविधा से जोड़ने पर जोर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने उन जगहों को टेलिकॉम सुविधा से जोड़ने का फैसला किया है, जहां वर्तमान में मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं है। इसके अलावा ग्रामीण और दूर दराज के क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। ताकि देश के गांव-गांव को सड़कों से जोड़ा जा सके।

7000 गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी का विस्तार 
मोबाइल टावर कनेक्टिविटी के तहत देश के पांच राज्यों-आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के 44 जिलों के 7000 से ज्यादा गांवों को मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके तहत इन गांवों में 4जी मोबाइल की सुविधा उपलब्ध होगी। इस पर खर्च के बारे में बात करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर लगभग 6466 करोड़ रुपए का होगा।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण को मंजूरी
अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण को मंजूरी दे दी है. जनजातीय इलाकों में 32,152 किलोमीटर सड़क निर्माण किया जायेगा. इस पर 33,822 करोड़ रुपए का अनुमानित व्यय होगा. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया. मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना चरण-1, चरण-2 और वामपंथी चरमपंथ प्रभावित इलाकों में सड़क सम्पर्क योजना (आरसीपीएलडब्ल्यूईए) को जारी रखने को मंजूरी प्रदान की. उन्होंने बताया कि इस पर 33,822 करोड़ रुपए का अनुमानित व्यय होगा, जिसमें केंद्र की हिस्सेदारी 22,978 करोड़ रुपए होगी .कैबिनेट में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के चरण 1-2 में जहां सड़क नहीं बन पायी वैसे क्षेत्रों में इस बार सड़क बनायी जायेगी. खासकर उग्रवाद प्रभावित और जनजातीय क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण होगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि घने जंगलों, पहाड़ों और नदियों से होकर सड़कें बनेंगी.

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