वर्धा:
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन खाद्य फसल एवं दलहन के अंतर्गत रबी सीजन के दौरान प्रमाणित बीज वितरण, फसल प्रदर्शन, उन्नत कृषि उपकरण एवं सिंचाई सुविधाओं में रुचि रखने वाले किसान 10 सितम्बर तक महाडीबीटी पोर्टल पर आवेदन एवं पंजीकरण करायें, जिला कृषि अधीक्षक ने अपील की है।
जैसा कि किसान समूहों द्वारा फसल प्रदर्शन किया जाएगा, 10 हेक्टेयर क्षेत्र वाले समूहों को फसल प्रदर्शनों के लिए आवेदन करते समय संबंधित कृषि सहायकों से संपर्क करके पंजीकरण करना चाहिए.
अनुदान प्रमाणित बीज वितरण 10 वर्ष पुरानी किस्मों के लिए 25 रुपये प्रति किलोग्राम, 10 वर्ष पुरानी किस्मों के लिए 12 रुपये प्रति किलोग्राम और रबी ज्वार की किस्मों के लिए 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 10 वर्ष के भीतर और रु।
चना, कुसुम और रबी ज्वार की फसल के प्रदर्शन के लिए एक एकड़ की सीमा में एक किसान को इनपुट के रूप में सब्सिडी प्रदान की जाएगी। बीज, जैविक खाद, सूक्ष्म पोषक तत्व, मृदा सुधारक एवं फसल सुरक्षा औषधि वाले किसान को एक एकड़ की सीमा के भीतर एक फसल के लिए 2000 से 4000 रुपये प्रति एकड़ की दर से डीबीटी के आधार पर सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक की सलाह के अनुसार जिलेवार पैकेज तैयार किया जाएगा और पैकेज का उपयोग अनिवार्य होगा। किसानों का चयन ऑनलाइन लॉटरी के जरिए किया जाएगा।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन खाद्य फसल एवं दलहन के अंतर्गत रबी सीजन के दौरान प्रमाणित बीज वितरण, फसल प्रदर्शन, उन्नत कृषि उपकरण एवं सिंचाई सुविधाओं में रुचि रखने वाले किसान 10 सितम्बर तक महाडीबीटी पोर्टल पर आवेदन एवं पंजीकरण करायें, जिला कृषि अधीक्षक ने अपील की है।
जैसा कि किसान समूहों द्वारा फसल प्रदर्शन किया जाएगा, 10 हेक्टेयर क्षेत्र वाले समूहों को फसल प्रदर्शनों के लिए आवेदन करते समय संबंधित कृषि सहायकों से संपर्क करके पंजीकरण करना चाहिए.
अनुदान प्रमाणित बीज वितरण 10 वर्ष पुरानी किस्मों के लिए 25 रुपये प्रति किलोग्राम, 10 वर्ष पुरानी किस्मों के लिए 12 रुपये प्रति किलोग्राम और रबी ज्वार की किस्मों के लिए 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 10 वर्ष के भीतर और रु।
चना, कुसुम और रबी ज्वार की फसल के प्रदर्शन के लिए एक एकड़ की सीमा में एक किसान को इनपुट के रूप में सब्सिडी प्रदान की जाएगी। बीज, जैविक खाद, सूक्ष्म पोषक तत्व, मृदा सुधारक एवं फसल सुरक्षा औषधि वाले किसान को एक एकड़ की सीमा के भीतर एक फसल के लिए 2000 से 4000 रुपये प्रति एकड़ की दर से डीबीटी के आधार पर सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक की सलाह के अनुसार जिलेवार पैकेज तैयार किया जाएगा और पैकेज का उपयोग अनिवार्य होगा। किसानों का चयन ऑनलाइन लॉटरी के जरिए किया जाएगा।