वर्धा: वर्धा जिले के आखिरी तहसील कारंजा (घाडगे) तालुका परिसर में अधिकतम किसान सोयाबीन की फसल लेते है। इस साल भी कपास के साथ सोयाबीन की फसल किसानों ने ली है तालुका के अधिकतम किसान बारिश पर निर्भर फसल की खेती करते है।
पिछले साल की तरह इस साल भी सोयाबीन की फसल पीली पढ़कर बर्बाद होने की कगार पर है। कही कही जगह 4 से 5 एकड़ के प्लॉट पुरी तरा पिले पडते नजर आ रहे है जिस कारण फसल पर खर्च की गई रक्कम और उत्पादन दोनो का नुकसान होने की बारी संभावना है। बीते साल भी तालुका के किसानो के सोयाबीन फसल के बारे मे यही हालात है। लगातार हो रही फसल नुकसान की वजह से किसान का आर्थिक बजेट गडबडा हुआ है ऐसे में बीमा कंपनी द्वारा फसल के नुकसान का जायजा लेकर नुकसान भरपाई देनी चाहिए.
लगातार इसी प्रकार की घटना से किसान संभ्रमावस्था मे है की आखिर क्या कारण है की फसल क्यू पिली पड रही है। कृषी तज्ञ भी समझ नहीं पा रहे है। पहिलेहि किसान आर्थिक रूप से परेशान है ऐसे में एकेक परेशानियों का सामना किसान को करना पड रहा है। ऐसे ही हालात रहे तो बैंक और निजी साहूकार द्वारा लिया गया कर्ज किसान कैसे चुका चुका पायेंगे।