नागपुर शहर मेडिकल हब के रूप में विकसित हो रहा है। शहर में कई अप-टू-डेट चिकित्सा उपकरण उपलब्ध हैं। लेकिन इसके बाद भी शहर में अंगदान की दर कम है। इस संबंध में जन जागरूकता की अत्यधिक आवश्यकता है। जब एक ब्रेन डेड व्यक्ति दुनिया छोड़ देता है, तो वह विभिन्न अंगों के माध्यम से आठ लोगों को जीवन दे सकता है। आज देश में नेत्रहीनों की संख्या बहुत अधिक है। लेकिन देश में मृत्यु दर को देखते हुए अगर यहां के आधे लोग भी अपनी आंखें दान कर दें तो देश में कोई भी अंधा नहीं होगा। इस कीमिया को अंगदान से ही हासिल किया जा सकता है। इसलिए महापौर दयाशंकर तिवारी ने आशा व्यक्त की कि अंगदान एक जन आंदोलन होना चाहिए ताकि अंगदान के बारे में जन-जागरूकता बढ़े और अंगदान के लिए कई लोग आगे आएं.