51 दिवसीय भक्‍तामर संपुष्ठ अनुष्ठान प्रारंभ

श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ हिंगणघाट में चल रहे हैं आध्यात्मिक चातुर्मास में विराजित वर्धमान आयंबिल तपोनिधी प.पु.प्रफुल्लाजी म.सा. की सुशिष्या लोगस्स साधिका प.पू. डॉ. उदिताजी म.सा., प.पु. विशुद्धिजी म.सा., प.पु. गरिमाजी म.सा. ठाणा 3 ने आचार्य भगवत प.पू. आनंदऋषी म.सा., महाराष्ट्र प्रवर्तिनी प.पू., प्रभाकंवर म.सा के जन्मजयंती पर पंचदिवसीय कार्यक्रम रखा गया। चातुर्मास में साध्वीजी द्वारा 51 दिवसीय भक्तामर संपुष्ठ अनुष्ठान का प्रारंभ 2 अगस्त से किया गया। साध्वी उदिताजी म. सा. ने भक्तामर के जाप एवं उसके प्रभाव के बारे में बताते हुए कहा कि किसी भी मंत्र का जाप की सिद्धि साधना के द्वारा ही प्राप्त की जा सकती है। भक्तामर स्तोत्र और उसके प्रभाव को समझने वाला ही इस साधना में सफलता पा सकता है । विज्ञान भी इस बात की सम्पुष्टि कर चुका है कि सही ढंग से साथ उच्चारित शब्द अपना प्रभाव डालते है। यह साधना हर कोई व्यक्ति कर सकता है। अत्यंत प्रभावित साधना है।
इस अवसर पर साध्वी उदिताजी म. सा. ने कहा की भक्तामर स्तोत्र सर्व रोग विनाशक, सर्व सिद्धि देने वाला प्रभावी मंत्र है। इसमें 24 तीर्थंकरों में प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की स्तुति है। सिर्फ जैन ही नहीं अपितु कितने ही अन्य श्रद्धालु भी इस प्राचीन स्तोत्र का जाप करते है। सामूहिक जाप से एक पवित्र आभावलय का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि जाप हमारी आत्म शुद्धि के साथ-साथ कर्म निर्जरा का भी हेतु बनता है। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ओर से आयोजित इस अनुष्ठान की व्यवस्थाओं में युवकों, महिलाओं सहित किशोर मंडल एवं कन्या मंडल के सदस्यों ने सक्रियता से दायित्व निर्वहन किया। इस जन्मजयंती निमित्त साध्वीजी ने एकासना तप की प्रेरणा दी है उस उपलक्ष में 150 एकासना हुये। बहुत तप त्याग के साथ महापुरुष की जन्मजयंती मनायी गयी।
कार्यक्रम में भागचंद ओस्तवाल, दिनेश कोचर, पुखराज रांका, प्रकाशचंद सुराणा, प्रतापचंद बैद, नथमल सिंघवी, श्रीचंद कोचर, प्रसन्न बैद, विजय कासवा, शेखर मुणोत, राजेंद्र डागा, कांतीलाल ओस्तवाल, कपुरचंद कोचर, कचरूलाल खिंवसरा, शांतीलाल कोचर, प्रदिप कोठारी, पारसमल मुणोत, सुभाष ललवानी, हरिश कासवा, निर्मलचंद कोचर, प्रदिप बैद, सुभाष सुराणा, राजेंद्र मुणोत, शेखर चोरडिया, कमलकिशोर रांका, रितेश ओस्तवाल, विजय मुथा, राजेंद्र सिंघवी, राजेश कोचर, किर्ती सुराणा, ऋषभ सिंघवी, चेनकरण कोचर, हेमंत चोरडिया, विरेंद्र सिंघवी, राजेश ओस्तवाल, लतिष भायाणी, डॉ. वरूण लोढ़ा, महेंद्र लोढ़ा, सुभाष कटारिया, विपीन खिंवसरा, महेंद्र मुणोत, एवं समाज के सभी श्रावक-श्राविका उपस्थित थे। यह जानकारी राजेश अ. कोचर ने दी।

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