मुंबई। (एजेंसी)। महाराष्ट्र के हिंगोली जिले के सेनगांव तालुके के किसानों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से नक्सली बनने की इजाजत मांगी है. ताकतोडा गांव से जुड़े इन किसानों ने तहसीलदार के माध्यम से अपना आवेदन मुख्यमंत्री तक पहुंचाया है. किसानों द्वारा भेजी गई इस अर्जी में यह लिखा गया है कि इस साल अत्यधिक बरसात और बाढ़ से खेती पूरी तरह से तबाह हो गई है. सोयाबीन, अरहर, कपास, उड़द, मूंग की फसलें सड़ गईं. किसानों ने कहा है कि खरीफ की फसलें तो कुदरत के कहर से खराब हो गईं जबकि रबी की फसलें सरकार के बिजली विभाग द्वारा बिजली कट किए जाने से खराब हो जाएंगी. महाराष्ट्र में बिजली सप्लाई करने वाली संस्था महावितरण द्वारा किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली बिजली काट दी जा रही है. किसानों का कहना है कि वे बिजली बिल भरने के लिए तैयार हैं, बस थोड़ी मोहलत मांग रहे हैं. लेकिन महावितरण के अधिकारी उनकी बातें सुनने को तैयार नहीं हैं. सरकार एक हाथ से बाढ़ प्रभावितों को मदद दे रही है तो दूसरे हाथ से बिजली बिल वसूली के नाम पर पैसे वापस ले रही है. ऐसे में किसान खाएगा क्या, खेतों में अगली फसल के लिए लगाएगा क्या? किसान तबाह हो रहे हैं.
एक ही गांव के 50 से अधिक किसान नक्सली बनने को तैयार
हिंगोली जिले के किसान पूरी तरह से हताश हो गए हैं. इसी हताशा में आकर किसानों ने मुख्यमंत्री को यह आवेदन भेजा है कि वे इन्हें नक्सली बनने की अनुमति दे दें. कमाई तो रही नहीं. किसान करे तो क्या करे. मुख्यमंत्री ही कोई उपाय बता दें या फिर नक्सली बनने के लिए इजाजत दे दें. इस आवेदन पर हिंगोली जिले के सेनगाव तालुके के इस ताकतोडा गांव के 50 से अधिक किसानों ने हस्ताक्षर किए हैं.
आज घर लौटे सीएम
इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कल अपनी गर्दन और पीठ के दर्द की सर्जरी करवा कर आज (24 नवंबर, बुधवार) घर लौटे हैं. सर्जरी सफल हुई है. मुख्यमंत्री को गले और पीठ के दर्द से फिलहाल राहत है. अब देखना है कि किसानों के दर्द के निवारण के लिए मुख्यमंत्री कौन सी दवा का इंतजाम करते हैं.