वणा नदी किनारे के नाले पर हाल ही में नए बनाए पुल में दरारे आने से अब इस पुल पर से यातायात करना खतरे में आ गया है। निकृष्ट दर्जे के साहित्य से पुल को बनाए जाने का आरोप करते हुए संबधित ठेकेदार पर कडी कारवाही की मांग की जा रही है।
१५ करोड़ के विशेष अनुदान में से ३० लाख की लागत से पुल की नर्मिती की गई। उक्त पुल का काम मां जगदंबा डेवलपर्स को दीया गया था। नाले पर बनाए गए इस नए पुल में कुछ ही दिनों में दरारे पड़नी शुरू हुई। पुल के नीचे किया गया पिचीक खिसक जाने से वहा पर पोकली निर्माण हो गई। पुल को मजबूती देने वाली पिचिक खिसक जाने से पुल के ढहने का खतरा बताया जाता है। ठेकेदार ने निकृष्ट साहित्य से और गैर जिम्मेदारी से पुल की निर्मिती की, जो अब यातायात को खतरे में डालने वाली साबित हो रही है।
वणा नदी किनारे बहते नाले को पार करके गाडगे बाबा के समाधी के दर्शन को आना पड़ता था। लोगो की इस हमेशा की समस्या को दूर करने हेतु उक्त पुल का निर्माण किया गया। भारी मांग पर बनाए गए इस नए पुल मे दरारे आने के साथ पुल ढहने का भी खतरा अब दिखाई देने लगा है। ठेकेदार के गैरजिम्मेदारी भरे काम की वजह से इस बहुप्रतीक्षित पुल पर से यातायात खतरे में आ गया है। नए बने पुल पर से गुजरने का सपना देखने वालो को अब अपनी जान जोखिम में डालकर ही पुल पर से गुजरना पड़ेगा। इस पुल के काम में कीए गए भ्रष्ट्राचार की जांच करके ठेकेदार पर कडी कारवाही की मांग की जा रही है।