नारायणा विद्यालयम चंद्रपूर ने बच्चों की फिस ना भरने के कारण बच्चों का ऑनलाईन एजुकेशन बन्द करने के साथ ही उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं करके बच्चों को शिक्षा से वंचित करके शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन किया है. इसके अलावा स्कूल टीचर पालको और बच्चो को फोन करके फिस भरने के लिये मानसिक रूप से प्रताड़ित करते है.
जबकि हाईकोर्ट के निर्णय और राज्य सरकार के आदेश में साफ लिखा है कि कोई भी स्कूल फीस नही भरने पर भी बच्चो को शिक्षा से वंचित करके उनके भविष्य से खिलवाड़ नहीं कर सकते.
इसिलिये शुक्रवार को नारायणा विद्यालयम चन्द्रपुर के पालको ने जिल्हा परिषद शिक्षणाधिकारी कार्यालय के बाहर नारायणा विद्यालयम के खिलाफ काली पट्टियां बांधकर ताली और थाली बजाओ आंदोलन किया और शिक्षणाधिकारी श्री उल्हास नरड से भेंट कर नारायणा विद्यालयम की मान्यता रद्द करने हेतु निवेदन सौंपा.
शिक्षणाधिकारी श्री उल्हास नरड ने स्कूल की प्रिंसिपल श्रबोनी बैनर्जी से फोन पर बात की और बच्चो को अगली कक्षा में प्रमोट करने के साथ ऑनलाईन एजुकेशन तत्काल शुरू करने की सख्त ताकीद दी और स्कूल की मान्यता रद्द करने का प्रस्ताव बनाकर फिर से एक बार उप-संचालक नागपुर को भेजने का आश्वासन पालको को दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पिछले महीने भी एक बार स्कूल की मान्यता रद्द करने का प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारियों को भेज चुके है.
आंदोलन की सफलतार्थ
श्री सचिन महाजन, भूषण बंडावार, विवेक जोगी, पुरुषोत्तम आवडे, राकेश फुले, ब्रम्हानंद शेंडे, सौ. स्नेहल मत्ते, सौ. वैशाली टोंगे, सौ. मनीषा फुले और लगभग 150 पैरेन्ट्स ने योगदान दिया.
पालक संघटना प्रमुख श्री सचिन महाजन ने हमारे प्रतिनधि से बात करते हुए कहा कि अगर पालको को न्याय नही मिला तो पालक न्याय पाने के लिये अगली बार रास्ते पर उतरकर आंदोलन करेंगे और जरूरत पड़ी तो स्कूल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेंगे.