किसान ब्रिगेड के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष अविनाश काकड़े ने दावा किया है कि दिल्ली से दूर होने के बाद भी राज्य के किसान और सामान्य जनता दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में है. लेकिन अब कोविड-19 संक्रमण का डर दिखाकर रेलवे एवं परिवहन सेवाएं बंद कर जनता को आंदोलन से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा हैकिसान ब्रिगेड ने 3 मार्च से विदर्भ में किसान जनजागृति साइकिल यात्रा निकालने का फैसला किया है. इस दौरान किसानों को केंद्र द्वारा पारित किसान कानून के किसान विरोधी प्रावधानों से अवगत कराया जाएगा.
काकडे ने यह जानकारी पत्रकार परिषद में दी. इस दौरान ब्रिगेड के प्रकाश पोहरे प्रमुखता से मौजूद थे. काकड़े ने कहा कि सिंदखेडराजा सेयह यात्रा आरंभ होगी. इसमें युवक एवं किसान शामिल होंगे. अगर इस दौरान राज्य में लॉकडाउन लागू कर दिया गया तो भी यह यात्रा रुकेगी नहीं. राज्य के हर हिस्से में यात्रा पहुंचेगी. इस दौरान किसानों को जानकारी देकर कृषि कानून के बारे में बताया जाएगा.
भले ही सरकार यात्रा में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर ले. काकड़े ने ये भी कहा कि 90 दिन बाद भी केंद्र सरकार कानून वापस लेने को तैयार नहीं है. उल्टे किसानों की नाकाबंदी की जा रही खालिस्तानी एवं देशद्रोही कहक दिल्ली में चल रहे आंदोलन के बदनाम करने का प्रयास किया रहा है. इस बात को जन-जन तक पहुंचाने के लिए 15 दिनों में 900 किलोमीटर की यात्रा कर किसानों की जनजागृति की जाएगी पतर परिषद में मोनित जबलपुरे सेवानिवृत्त सैनिक शेषराव मरोडिया और राजू मिश्रा उपस्थित थे.