राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मराठा कोटा मुद्दे पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक की वकालत की। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि वे भी लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
अजित पवार ने अपनी ‘जन सम्मान यात्रा’ के दौरान कहा कि विपक्षी दलों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि वे भी लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत कोटा चाहते हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कोटा मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी लेकिन विपक्ष दूर रहा। मुझे नहीं पता कि बहिष्कार जानबूझकर किया गया था।”पवार ने ‘मुख्यमंत्री लाडकी बहन योजना’ की सराहना करते हुए कहा कि इसे 17 अगस्त को बालेवाड़ी में एक कार्यक्रम में शुरू किया जाएगा और इसके लाभार्थियों को जुलाई और अगस्त के लिए पैसा मिलेगा। इस योजना के तहत महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये की सहायता मिलेगी बशर्ते उनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम हो। इस योजना की शुरुआत से जुड़े कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी शामिल होंगे। इसे सरकारी खजाने पर बोझ डालने वाला चुनावी हथकंडा बताने के लिए विपक्ष की आलोचना करते हुए अजित पवार ने कहा कि उन्होंने 10 बजट पेश किए हैं और उन्हें वित्त के बारे में जानकारी है। संसाधन जुटाने के मुद्दे पर अजित पवार ने कहा कि देश के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में महाराष्ट्र का हिस्सा 16 प्रतिशत है, जिसमें से 50 प्रतिशत राज्य को वापस मिल जाता है।