एर्नाकुलम। केरल के एर्नाकुलम जिले के अलुवा में पांच साल की बच्ची से रेप और हत्या के दोषी को पोस्टो (प्रोटेक्शन आॅफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल हैरेसमेंट) कोर्ट ने मंगलवार (14 नवंबर) को मौत की सजा सुनाई है। कोर्ट ने चिल्ड्रंस डे पर अपना फैसला सुनाया। खास बात यह है कि साल 2012 में आज के दिन ही पोस्को एक्ट भी लागू हुआ था।
एर्नाकुलम में अश्वक आलम नाम के युवक ने 28 जुलाई को बच्ची से रेप करने के बाद गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी। फिर शव को बोरे में बांधकर कूड़े में फेंक दिया था। घटना के 100वें दिन 4 नवंबर को कोर्ट ने अश्वक को दोषी ठहराया था।
जज के. सोमन के कोर्ट ने दोषी को आईपीसी और पोस्को एक्ट के तहत पांच बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि दोषी अपनी पूरी जिंदगी जेल में ही रहेगा। उस पर 6 लाख रुपए का जुर्माना भी लगा है। जज जब फैसला सुना रहे थे तो बच्ची के माता-पिता कोर्ट में ही थे।
सीएम ने कहा- दोषी को सबसे कड़ी सजा देने की कोशिश की
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि बच्ची सबसे जघन्य अपराध का शिकार हुई थी। क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम ने अपराधी को सबसे कड़ी सजा दिलाने की भरपूर कोशिश की। बच्चों के खिलाफ हिंसा करने वालों के लिए यह एक कड़ी चेतावनी है। बच्ची के मां-बाप का जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई तो कोई नहीं कर सकता। लेकिन हम उन्हें हरसंभव मदद देने की कोशिश करेंगे।