नई दिल्ली। भारतीय सेना में कार्यरत महिला सैनिकों, सेलर्स और एयर वॉरियर्स को भी अब मैटरनिटी लीव और चाइल्ड केयर लीव मिलेगी। रक्षा मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इनमें महिला अग्निवीर भी शामिल हैं। अभी तक सेना में केवल हायर रैंक वुमन आॅफिसर्स को ही मातृत्व, बच्चे की देखभाल और चाइल्ड अडॉप्शन के लिए छुट्टियां दी जाती थीं।
पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ बैलेंस कर पाएंगी महिलाएं
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि यह फैसला सेना में सभी महिलाओं की भागीदारी के अनुरूप है, फिर चाहे उनकी रैंक कुछ भी हो। नियमों के विस्तार से सेना में पोस्टेड महिलाओं को परिवार और सामाजिक मुद्दों से डील करने में काफी मदद मिलेगी। साथ ही इससे सेना में महिलाओं की वर्किंग कंडीशन में भी सुधार होगा। वे पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस कर पाएंगी।
मैटरनिटी लीव मिलती है 180 दिन की
फिलहाल महिला अधिकारियों को 180 दिनों की मैटरनिटी लीव मिलती है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, महिला अधिकारी को 2 बच्चों के लिए पूरे वेतन के साथ 180 दिन की लीव मिलती है। महिला अधिकारियों को सर्विस के दौरान 360 दिनों की छुट्टी दी जाती है। इसके अलावा 1 साल से कम उम्र के बच्चे को गोद लेने की तारीख के बाद 180 दिनों की छुट्टी मिलती है।
सेना में 7 हजार से ज्यादा महिलाएं
पीआईबी के मुताबिक मार्च 2023 तक भारतीय सेना में 7 हजार से ज्यादा महिलाएं विभिन्न पदों पर तैनात हैं। इनमें से 6 हजार 993 महिला अधिकारी थल सेना में, 748 नौसेना में और वायुसेना में महिला अधिकारियों की संख्या 1636 है।
इनमें मेडिकल कॉर्प्स, डेंटल कॉर्प्स और मिलिट्री नर्सिंग सर्विस की महिलाओं को भी शामिल किया गया है। वहीं एक विशेष फैसले के दौरान करीब 108 महिलाओं को कर्नल रैंक पर भी प्रमोट किया जाना है।
प्रमोशन से जुड़ा फैसला सुप्रीम कोर्ट में, बेंच बनाने 2 हफ्ते का समय दिया
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 3 नवंबर को सेना और सरकार को 30 महिला अधिकारियों के प्रमोशन के लिए 15 दिन में सिलेक्शन बोर्ड बनाने का आदेश दिया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन महिला अधिकारियों को पहले ही कर्नल के रूप में प्रमोट किया जा चुका है। उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा, न उनकी वरिष्ठता प्रभावित होगी।