नई दिल्ली. दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब नीति केस में पूछताछ के लिए गुरुवार जांच एजेंसी ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए। इसके बदले केजरीवाल ने ईडी को एक लेटर भेजकर समन को वापस लेने को कहा।
साथ ही केजरीवाल ने जांच एजेंसी से सवाल किया कि, आपने समन में मुझे यह नहीं बताया कि मैं संदिग्ध हूं या गवाह। ईडी के सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी केजरीवाल को नया समन जारी कर सकती है।
ईडी ने 30 अक्तूबर को केजरीवाल को पूछताछ के लिए आने का समन भेजा था। इसे लेकर गुरुवार सुबह करीब 9 बजे केजरीवाल ने ईडी को जवाब भेजा था कि ये नोटिस गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित है।
ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर को भेजे अपने लेटर में केजरीवाल ने लिखा, समन से यह क्लियर नहीं है कि मुझे किस हैसियत से बुलाया जा रहा है यानी इस मामले में आप मुझे गवाह मान रहे हैं या संदिग्ध। आप मुझे दिल्ली के सीएम के तौर पर बुला रहे हैं या आम आदमी पार्टी के संयोजक के रूप में। ऐसा लग रहा है कि यह मछली पकड़ने की जाल की तरह है।
इसके बाद केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मध्यप्रदेश के सिंगरौली पहुंचे और वहां उन्होंने रोड शो और रैली में हिस्सा लिया।
भाजपा के इशारे पर भेजा गया समन
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि ये समन भाजपा के इशारे पर भेजा गया। केजरीवाल ने लिखा- 30 अक्तूबर की दोपहर को भाजपा नेताओं ने कहना शुरू कर दिया था कि जल्द ही मुझे तलब किया जाएगा और अरेस्ट किया जाएगा। उसी दिन शाम को मुझे समन मिला। इससे साफ जाहिर है कि मेरी छवि बदनाम करने के लिए समन भाजपा नेताओं को पहले लीक कर दिया गया था।