सक्करदरा थाना क्षेत्र में 13 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश ए.सी. शेंडे ने दोषी करार देते हुए 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है.
पुलिस ने 14 फरवरी 2022 को पीड़ित किशोरी की मां की शिकायत पर चंदननगर निवासी नरेश देवराव गणवीर (45) के खिलाफ दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. घटना के दिन पीड़ित बालिका घर में अकेली थी. इसी दौरान परिचित नरेश उसके घर आया. पीड़िता को अकेली देख उसे जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म किया.
पीड़िता ने अपने परिजनों को घटना की जानकारी दी और सक्करदरा पुलिस से शिकायत की गई. 7 दिनों की मशक्कत के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया. तत्कालीन एपीआई माधुरी वाघाड़े ने प्रकरण की जांच कर न्यायालय में आरोपपत्र दायर किया.
सरकारी वकील श्याम खुले आरोप सिद्ध करने में कामयाब हुए. न्यायालय ने नरेश को पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई. जान से मारने की धमकी और घर में जबरन प्रवेश करने के मामले में भी उसे दोषी करार दिया गया. बतौर पैरवी अधिकारी एएसआई सुरेंद्र रौराले और नाना गोनेवार ने अभियोजनपक्ष को सहयोग किया.
2 बालिकाओं से छेड़खानी के मामले में 2 आरोपी दोषी करार
जरीपटका और सीताबर्डी थाने में दर्ज नाबालिग लड़कियों से छेड़खानी के मामले में भी 2 आरोपियों को दोषी करार दिया गया.
जरीपटका पुलिस ने 16 वर्षीय किशोरी की शिकायत पर मोतीबाग निवासी मजहर खान उस्मान खान (32) के खिलाफ मामला दर्ज किया था. 18 मई 2022 को तड़के पीड़िता अपने घर में परिवार के साथ सो रही थी. मजहर ने खिड़की से भीतर हाथ डालकर दरवाजे की चिटकनी खोली. पीड़िता के साथ अश्लील हरकत की. शोर मचाते ही मजहर वहां से भाग निकला था.
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया. तत्कालीन सब इंस्पेक्टर मुकेश ढोबले ने जांच कर न्यायालय में आरोपपत्र दायर किया. सरकारी वकील रश्मि खापर्डे आरोप सिद्ध करने में कामयाब हुई.
न्यायालय ने मजहर को जबरन घर में प्रवेश करने के मामले में 15 महीने और छेड़खानी के मामले में 1 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई.
दूसरी घटना सीताबर्डी थानांतर्गत हुई थी. पुलिस ने 16 वर्षीय पीड़िता की शिकायत पर गोपलगंज, सिवनी निवासी सुनील तारासिंह उइके (23) के खिलाफ मामला दर्ज किया था. 16 जून 2019 की सुबह किशोरी घर जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी. तभी सुनील ने उसके साथ अश्लील हरकत कर छेड़खानी की. तत्कालीन सब इंस्पेक्टर दिपाली राउत ने प्रकरण की जांच कर न्यायालय में आरोपपत्र दायर किया. न्यायाधीश ए.सी. राउत ने सुनील को छेड़खानी और पोक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत दोषी करार देते हुए 3 वर्ष कारावास की सजा सुनाई.