अगर आप भी अपने सेविंग को निवेश करना चाहते हैं और किसी ऐसी प्लेटफॉर्म की तलाश कर रहे हैं, जहां आपका पैसा भी सिक्योर रहे और आप ज्यादा रिटर्न भी मिले तो आरबीआई का फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं. यहां कई बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट से भी ज्यादा रिटर्न मिल रहा है. आरबीआई का फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड का ब्याज 8.05 फीसदी है. निवेश करने से पहले इसके कुछ फीचर के बारे में जान लेना चाहिए. भारत सरकार की ओर से आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड को जारी किया गया है. यह सात साल की मैच्योरिटी टाइम के साथ आता है. यह नॉन ट्रेडेड बॉन्ड है, जिसके तहत गारंटीड ब्याज मिलता है.
इसके तहत ब्याज निश्चित नहीं होता है. यह केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली एक छोटी बचत योजना, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) की ब्याज दर से जुड़ा हुआ है. भारतीय रिजर्व बैंक के इस बॉन्ड के तहत ब्याज बदलता रहता है. हालांकि यह एक सिक्योर निवेश बॉन्ड है. इस बॉन्ड का ब्याज छोटी बचत योजना के ब्याज की तिमाही समीक्षा के आधार बॉन्ड का ब्याज तय किया जाता है. वहीं एनएससी से 0.35 फीसदी ज्यादा ब्याज इस बॉन्ड के तहत दिया जाता है. अगर छोटी बचत योजना का ब्याज बढ़ता है तो बॉन्ड का रिटर्न भी बढ़ेगा और छोटी बचत योजना का ब्याज घटेगा तो भी इसका रिटर्न कम होगा. बॉन्ड का ब्याज हर छह महीने के बाद चेंज होता है. आरबीआई फ्लोटिंग रेट्स सेविंग बॉन्ड 2020 (टैक्सेबल) में कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है. एनआरआई के लिए यह बॉन्ड स्कीम नहीं है. इससे कम से कम 1000 रुपये तक निवेश कर सकते हैं और अधिकतम की कोई सीमा नहीं है.