मुंबई. छत्रपति शिवाजी महाराज के वाघ नख को महाराष्ट्र में लाया जा रहा है, यह देश के लिए गर्व की बात है, लेकिन कुछ लोग इस पर संदेह जता रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बाघ नख पर आपत्ति जताने वालों की आलोचना करते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्श को त्याग कर अफजल खाना के आदर्श को स्वीकार कर लिया है।
इतना ही नहीं बल्कि इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिंदे ने यह भी घोषणा की है कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर छत्रपति शिवाजी की घुड़सवारी वाली मूर्ति लगाई जाएगी। भारत-पाकिस्तान सीमा पर छत्रपति शिवाजी की एक प्रतिमा स्थापित की जाएगी। पाकिस्तान भी छत्रपति शिवाजी महाराज की तलवार से डरेगा।’ हालांकि, इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मराठा आरक्षण के मुद्दे पर बोलने से बचते रहे हैं। ऐसा देखा गया कि मुख्यमंत्री ने मनोज जरांगे की भूख हड़ताल से जुड़े सवालों को अनसुना कर दिया।
बाघ नख पर संदेह, अफजल खान आदर्श
सीएम शिंदे ने कहा कि, मंत्री सुधीर मुनगंटीवार खुद लंदन गए थे। बाघ नख वहां हैं। उन बाघ नख को हमारे देश में, हमारे राज्य में लाना हर देशवासी के लिए गर्व, अभिमान का विषय है। लेकिन दूसरी तरफ कुछ लोग जो सरकार के हर काम का विरोध करते हैं, नफरत करते हैं, ईर्ष्या करते हैं। ये वही लोग हैं जिन्होंने बाघ नख पर आपत्ति जताई है। उन्होंने संदेह जताया है।