नई दिल्ली. त्योहारी सीजन की शुरुआत होते ही महंगाई ने एक बार फिर से अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. इससे आम जनता का बजट बिगड़ गया है. खास कर प्याज की कीमतों में आग लग गई है. 30 से 35 रुपये किलो बिकने वाला प्याज अब 45 रुपये के पार पहुंच गया है. आंध्र प्रदेश में एक किलो प्याज की कीमत 50 रुपये हो गई है. यानी इसकी कीमत में 20 रुपये किलो तक की बढ़ोतरी हुई है. कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसकी कीमत में और बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसे में प्याज की कीमत ने एक बार फिर से लोगों की चिंता बढ़ा दी है.
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में प्याज 50 रुपये किलो बेचा जा रहा है, जबकि रायतु बाजार में प्याज का भाव 40 रुपये किलो है. वहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार मानसून का आगमन देरी से हुआ था. ऐसे में इसका असर प्याज की फसल के ऊपर भी पड़ा है. यही वजह है कि मार्केट में अभी तक प्रयाप्त मात्रा में प्याज की नई उपज नहीं आ पाई है. इसके चलते कीमतों में बढ़ोतरी हुई है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक व्यापारियों का कहना है कि पूरे आंध्र प्रदेश में प्याज की सप्लाई रनूल और कर्नाटक के बेल्लारी से होती है. लेकिन, इन दोनों जगह से प्याज की सप्लाई जरूरत के मुकाबले कम हो रही है. इससे आंध्र प्रदेश में प्याज की भारी किल्लत हो गई. ऐसे में यहां के व्यापारी महाराष्ट्र से प्याज खरीद रहे हैं. यही वजह है कि लागत बढ़ने से प्याज की कीमत में उछाल दर्ज की जा रही है. ऐसे आंध्र प्रदेश में रोज 600 टन प्याज की आवक होती है.
प्याज की खेती में हुई देरी
ऐसे इस बार बारिश देरी से होने के चलते प्याज की खेती में भी लगभग 120 दिन की देरी हुई है. व्यापारियों की माने तो नवंबर के पहले हफ्ते से प्याज की नई उपज मंडियों में आने लगेगी. इसके बाद प्याज की कीमत में कुछ गिरावट आ सकती है. हालांकि, इसके लिए लोगों को थोड़ा इंतजार करना होगा.